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पहलगाम के बाद कूटनीतिक भूकंप: पाकिस्तान ने सभी द्विपक्षीय समझौते किए सस्पेंड ; भारत को सिंधु जल पर ‘जंग’ की चेतावनी

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत की कड़ी प्रतिक्रिया के बीच अब पाकिस्तान ने भी अपने तीखे कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। इस्लामाबाद में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अध्यक्षता में हुई नेशनल सिक्योरिटी कमेटी (NSC) की बैठक के बाद पाकिस्तान ने भारत के साथ सभी द्विपक्षीय समझौते निलंबित कर दिए हैं।

सबसे बड़ा फैसला रहा – 1972 का शिमला समझौता भी स्थगित कर दिया गया है। इसके साथ ही पाकिस्तान ने चेतावनी दी है कि अगर भारत सिंधु जल संधि को रोकता है, तो उसे “एक्ट ऑफ वॉर” यानी युद्ध की तरह माना जाएगा।

भारत के 5 जवाबी कदमों के बाद पाकिस्तान के प्रतिघात

भारत ने हाल ही में पांच कड़े निर्णय लिए, जिनमें शामिल हैं:

  1. सिंधु जल संधि का निलंबन

  2. अटारी बॉर्डर का बंद होना

  3. पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द करना

  4. सैन्य उच्चायुक्तों को निष्कासित करना

  5. पाकिस्तानी सरकारी सोशल मीडिया (X) अकाउंट्स का भारत में बैन

इन निर्णयों के जवाब में पाकिस्तान ने भी बड़ा कदम उठाते हुए:

  • SAARC-VISA के तहत सभी भारतीय वीजा निलंबित कर दिए हैं (सिख तीर्थयात्रियों को छोड़कर)

  • भारत के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद करने की घोषणा की है

  • वाघा बॉर्डर को अस्थायी रूप से बंद किया है

  • भारत से सभी व्यापार समझौते निलंबित कर दिए हैं

क्या है शिमला समझौता, जिसे पाकिस्तान ने तोड़ा?

शिमला समझौता, 2 जुलाई 1972 को भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और पाकिस्तान के राष्ट्रपति जुल्फिकार अली भुट्टो के बीच हुआ था। यह समझौता 1971 के भारत-पाक युद्ध के बाद हुआ था, जिसमें पाकिस्तान के 90,000 से अधिक सैनिक भारत के कब्जे में आए थे। यह समझौता द्विपक्षीय वार्ता और कूटनीति के आधार पर सभी विवाद सुलझाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम माना जाता रहा है।

अब इस समझौते को रोकने का अर्थ है – भारत-पाक रिश्तों में शेष बची कूटनीतिक डोर को भी तोड़ देना।

भारत का जवाब: ‘पर्सोना नॉन ग्राटा’ और सैन्य मोर्चा

भारत ने पाकिस्तान के शीर्ष राजनयिक साद अहमद वराइच को तलब कर उन्हें ‘पर्सोना नॉन ग्राटा’ घोषित किया, जिसका अर्थ है कि उन्हें भारत में अब और रहना संभव नहीं। उन्हें 7 दिन के भीतर भारत छोड़ने का आदेश दिया गया है।

इसी के साथ भारत ने INS सूरत युद्धपोत से मिसाइल परीक्षण किया है, जिसने समुद्र में तैरते लक्ष्य को सफलतापूर्वक ध्वस्त किया। यह संदेश साफ है – भारत अब केवल शब्दों से नहीं, कर्मों से जवाब देगा।

अंतरराष्ट्रीय हलचल: अमेरिका की चेतावनी और पाक की मिसाइल तैयारी

अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने अपने नागरिकों को जम्मू-कश्मीर की यात्रा न करने की एडवाइजरी जारी की है। वहीं, पाकिस्तान ने भी कराची तट के पास 24-25 अप्रैल को मिसाइल टेस्टिंग की अधिसूचना जारी कर दी है। कराची एयरबेस से 18 लड़ाकू विमान भारत सीमा की ओर भेजे गए हैं, जो इस तनाव की गंभीरता को दर्शाता है।

जनमानस का स्वर: कश्मीर में गूंजे विरोध के सुर

श्रीनगर के बाजारों में काले झंडे फहराए गए, यह कश्मीरियों की ओर से आतंक के खिलाफ और निर्दोष पर्यटकों की मौत पर आक्रोश का प्रतीक है। यह बदलाव संकेत है कि अब जमीन पर भी आतंक के खिलाफ आवाज़ उठने लगी है।

भारत और पाकिस्तान के रिश्ते हमेशा से नाजुक रहे हैं, लेकिन पहलगाम हमला एक नई रेखा खींचता है। अब मामला सिर्फ सुरक्षा या कूटनीति का नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सम्मान और मानवता की रक्षा का है। भारत का सख्त रुख आवश्यक है, लेकिन यह भी ज़रूरी है कि हम युद्ध की आग में आम नागरिकों की ज़िंदगियों को न झोंके। कूटनीति को मरने से रोकना अब दोनों देशों की जिम्मेदारी है।