आजकल जब भी हमें कोई भी जानकारी चाहिए होती है हम फौरन गूगल पर जाते है, वैसे तो गूगल पर कई तरह की जानकारियां उपलब्ध है, लेकिन कई बार गूगल के जवाब या गूगल द्वारा सुझाए गए आर्टिकल गलत भी हो सकते हैं। कुछ ऐसा ही साबित हुआ है कन्नड़ भाषा को लेकर। कुछ दिनों पहले किए गए एक सर्च में गूगल बाबा ने कन्नड़ को भारत की सबसे भद्दी भाषा बताया था। जिसके चलते उसे लगातार आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा था। इसके बाद गुरुवार को गूगल इंडिया के प्रवक्ता ने बयान देकर भारतीयों से माफी मांग ली। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ टेक्निकल गलती है। यह कंपनी की अपनी कोई सोच नहीं है।
दरअसल, गूगल पर जब भी कोई यूजर ‘ugliest language in India’ (भारत की सबसे भद्दी भाषा) सर्च करता था तो जवाब में ‘कन्नड़ भाषा’ लिखा आता था। इसको लेकर कर्नाटक सरकार ने गूगल कंपनी को नोटिस देने की भी बात कही थी।
इसके बाद गूगल इंडिया ने कहा कि सर्च हमेशा ही सच नहीं होता है। कई बार इंटरनेट पर सवाल करने पर चौंकाने वाले जवाब सामने आ सकते हैं। हम जानते हैं कि यह अच्छा नहीं है। हालांकि इनको लेकर जब भी हमें कोई शिकायत मिलती है तो हम विशेष ध्यान देते हुए सुधार की कार्रवाई करते हैं।साथ ही हम अपने आप में भी लगातार सुधार करते हैं। हालांकि इसमें गूगल की अपनी कोई राय नहीं होती है,लेकिन जिस गलतफहमी से लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं। इसको लेकर हम सभी से माफी मांगते हैं।
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी और बेंगलुरु मध्य से भाजपा सांसद पीसी मोहन समेत कई नेताओं ने गूगल की इस हरकत की आलोचना की थी। उन्होंने कंपनी से माफी मांगने और सुधार करने की बात कही थी। पीसी मोहन ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए कहा कि कन्नड दुनिया की सबसे पुरानी भाषाओं में से एक है। इसमें कई महान विद्वान हुए हैं।
वहीं, कर्नाटक के मंत्री अरविंद लिंबावली ने कहा कि करीब 2500 साल पहले अस्तित्व में आई कन्नड़ भाषा का अपना एक अलग इतिहास है। ढाई शताब्दी से यह कन्नड़ लोगों का गौरव रही है। अब यदि गूगल इसे सबसे भद्दी भाषा कहता है, तो यह इस गौरव को कलंकित करने की कोशिश है।
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