30 Mar. Araria: अररिया में पलासी के कवैया गांव में मंगलवार सुबह एक ही घर में खेल रहे 6 बच्चों की आग में जलने से मौत हो गई। इनकी उम्र ढाई से 5 साल बताई जा रही है। ये सभी एक कमरे में मक्के के भुट्टे सेंक रहे थे। पास में ही मवेशियों का सूखा चारा रखा था। जिसमें चिंगारी से आग लग गई और बच्चे उसमें घिर गए। बच्चों की चीख सुनकर परिवार वाले मौके पर पहुंचे, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी।
एक लेख के अनुसार बताया गया कि, हादसा सुबह सवा नौ बजे हुआ। जान गंवाने वाले बच्चों की पहचान अफसर (5), गुलनाज (2.5), दिलबर (4), बरकस (3), अली हसन (4) और खुशनेहा (2.5) के रूप में हुई है। एक बच्चे अली हसन के चाचा नय्यर ने बताया कि आग अचानक भड़क गई। आग इतनी तेज थी कि लोगों को पता भी नहीं चल पाया कि अंदर कितने बच्चे हैं। जब आग बुझाई गई, तब सभी को कमरे में 6 बच्चों की मौजूदगी के बारे में मालूम हुआ। जब तक उन्हें निकाला गया, तब तक सभी बच्चे आग में झुलस चुके थे।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि घर के जिस कमरे में बच्चे मौजूद थे, वहां पास में ही पुआल (एक तरह की सूखी घास) रखा हुआ था। उसकी वजह से आग भड़क गई। आग लगने के बाद गांव के लोगों ने अपने संसाधनों से ही आग पर काबू पाया। हालांकि फायर ब्रिगेड भी आधे घंटे के अंदर ही घटनास्थल पर पहुंच गई थी। इस वजह से आग फैल नहीं पाई और एक ही घर आग की चपेट में आया।
पुलिस ने जानकारी दी कि सभी बच्चों के परिवार मजदूरी करते हैं। सदर एसडीओ शैलेश चन्द्र दिवाकर ने बताया कि जिस घर में आग लगी, वह मंजूर अली का था और उसके बच्चे दिलबर की भी इस हादसे में मौत हो गई है। भुट्टे पकाने के दौरान आग लगने से सभी उसमें झुलस गए। शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है।
सरकार ने मृत बच्चों के परिजन को 4-4 लाख रुपए का मुआवजा देने का ऐलान किया है। वहीं, घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस और प्रशासन के अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच गए हैं। हादसे के बाद पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है। गांव के सभी लोग बच्चों के परिवारों को सांत्वना देने पहुंच रहे हैं।
15 दिन पहले बिहार के किशनगंज में भी ऐसा ही हादसा हुआ था
15 मार्च को बिहार के किशनगंज में भी एक घर में आग लगने से परिवार के मुखिया और उसके चार बच्चों की मौत हो गई थी। आग से गैस का सिलेंडर फटने से शव क्षत-विक्षत हो गए थे। पत्नी को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती किया गया था।
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