26 Mar. Haryana: हरियाणा के फरीदाबाद में घटी बहुचर्चित निकिता तोमर हत्याकांड में शुक्रवार को फास्ट ट्रैक कोर्ट ने आज अपना फैसला सुनाया। सरताज बसवाना की कोर्ट ने शाम करीब पौने चार बजे दोनों आरोपियों तौसीफ और रेहान को उम्रकैद और 20-20 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई। हालांकि ऐसा माना जा रहा था कि दोनों को फांसी की सजा सुनाई जाएगी। फैसले की सबसे खास बात यह रही कि वारदात पिछले साल 26 अक्टूबर को हुई थी। हत्याकांड के 151 दिन बाद 26 तारीख को ही कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया।
जानें किस धारा में कितनी सजा तय की गई है…
कोर्ट ने हत्या के मामले में IPC की धारा-302 के तहत दोनों दोषियों को उम्रकैद और 20-20 हजार जुर्माने की सजा का आदेश दिया है। IPC 366, 34 और 511 में पांच-पांच साल की कैद और 2-2 हजार रुपए जुर्माना तय किया गया है, 120B में पांच-पांच साल की कैद और 2-2 हजार रुपए जुर्माने के अलावा आर्म्स एक्ट की धारा 27A में भी दोनों को चार-चार साल की कैद और 2-2 हजार जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया गया।
पीड़ित परिवार ने कहा, ‘फांसी होनी चाहिए थी’
निकिता के पिता मूलचंद तोमर और मामा एदल सिंह रावत कोर्ट के फैसले से संतुष्ट नजर आए। दूसरी ओर पहले से की जा रही फांसी की सजा की मांग पर जब बात की गई तो उन्होंने कहा कि कोर्ट ने अपना काम कर दिया। जो भी फैसला आया है, ठीक है। हालांकि साथ ही फांसी की मांग को लेकर उन्होंने सुप्रीम कोर्ट तक जाने की बात भी कही है।
26 को हत्या, 26 को ही सजा
इसे संयोग ही कहेंगे कि हत्याकांड से ठीक पांच महीने बाद दोनों हत्यारों को सजा सुनाई गई। 26 अक्टूबर 2020 को निकिता की हत्या की गई थी। तमाम जांच पड़ताल और सुनवाई के बाद ठीक पांच महीने बाद यानी 26 मार्च को ही सजा सुनाई गई।
तभी मिलेगी शांति जब फांसी होगी
निकिता के पिता मूलचंद तोमर ने दैनिक भास्कर से कहा था कि उनके परिवार को शांति तभी मिलेगी, जब हत्यारों को फांसी की सजा मिलेगी। उनका कहना है कि 5 माह का वक्त निकिता को न्याय दिलाने में गुजर गया। लोगों के कमेंट झेले, दबाव में रहे। अब भी जीवन डर-डरकर चल रहा है।
आपको बता दें कि पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश पर इस केस की सुनवाई तीन माह 22 दिन तक लगातार चली। एक दिसंबर 2020 को पहली गवाही कराई गई। इसमें घटना के चश्मदीद निकिता के चचेरे भाई तरुण तोमर और सहेली निकिता शर्मा शामिल हुए थे। पीड़ित पक्ष की ओर से 55 लोगों ने गवाही दी। इसमें परिवार के सदस्यों, कॉलेज के प्रिंसिपल समेत कई पुलिसकर्मी शामिल हुए। बचाव पक्ष ने दो दिन में अपने दो गवाह पेश किए और उनके बयान दर्ज कराए। 23 मार्च 2021 को दोनों पक्षों की ओर से गवाही पूरी हो गई थी।
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