पाकिस्तान सेना की ओर से जम्मू-कश्मीर में भारी गोलीबारी ने पुंछ जिले में तबाही मचा दी है। इस हमले में कम से कम 15 नागरिकों की मौत हो गई, जिनमें बच्चे भी शामिल हैं, और 43 अन्य घायल हुए हैं। यह गोलीबारी भारत की ओर से “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत पाकिस्तान और पाक अधिकृत जम्मू-कश्मीर (PoJK) में नौ आतंकी ठिकानों पर सटीक हमलों के कुछ घंटों बाद शुरू हुई। यह हाल के वर्षों में सबसे घातक युद्धविराम उल्लंघन में से एक है।
पुंछ में सबसे ज्यादा नुकसान
पाकिस्तान सेना ने मंगलवार देर रात से बुधवार तड़के तक नियंत्रण रेखा (LoC) और अंतरराष्ट्रीय सीमा (IB) के साथ अपनी चौकियों से “मनमानी गोलीबारी और तोपखाने का हमला” शुरू किया। पुंछ जिला इस हमले का सबसे बड़ा शिकार बना, जहां सभी 15 मौतें दर्ज की गईं। 43 में से 30 घायल भी इसी जिले से हैं, जिनमें से कई की हालत गंभीर है।मृतकों में बलविंदर कौर उर्फ “रूबी” (33), मोहम्मद जैन खान (10), जोया खान (12), मोहम्मद अकरम (40), अमरीक सिंह (55), मोहम्मद इकबाल (45), रणजीत सिंह (48), शकीला बी (40), अमरजीत सिंह (47), मरयम खातून (7), विहान भार्गव (13), मोहम्मद रफी (40) और तीन अन्य शामिल हैं, जिनकी पहचान अभी तक नहीं हो पाई है।गोलीबारी ने बालाकोट, मेंढर, मांकोट, कृष्णा घाटी, गुलपुर, केरनी और पुंछ जिला मुख्यालय के कुछ हिस्सों में घरों, वाहनों और सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचाया। मेंढर के बस स्टैंड पर मोर्टार के गोले गिरे, जिससे भारी तबाही हुई।
अन्य जिलों में भी असर
कुपवाड़ा और बारामूला जिलों में 10 लोग घायल हुए, जिनमें पांच बच्चे शामिल हैं, जबकि राजौरी में तीन नागरिक घायल हुए। करनाह सेक्टर में गोलीबारी की तीव्रता के कारण कई घरों में आग लग गई। श्रीनगर हवाई अड्डे को एहतियातन अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया।
सीमावर्ती गांवों में दहशत
सीमावर्ती गांवों में रहने वाले लोग रातभर दहशत में रहे। एक स्थानीय निवासी अब्दुल हुसैन ने समाचार एजेंसी ANI को बताया, “अचानक सीमा पार से गोलीबारी शुरू हो गई। यह लोगों के लिए भयावह रात थी।” उन्होंने अधूरे बंकरों की ओर इशारा करते हुए कहा, “सरकार ने जितने बंकर बनाने का वादा किया था, उनमें से केवल 30 प्रतिशत ही पूरी तरह तैयार हैं।”एक घायल महिला ने कहा, “तड़के गोलीबारी शुरू हुई। हमारा घर पूरी तरह तबाह हो गया। अब हमें नहीं पता कि हम कहां जाएंगे।” ग्रामीणों ने भूमिगत आश्रयों में शरण ली या सुरक्षित स्थानों पर भागे, जबकि स्थानीय प्रशासन ने गोलीबारी के बीच घायलों को निकाला।
- जम्मू-कश्मीर में तनाव चरम पर है, और भारतीय सुरक्षा बल उच्च सतर्कता पर हैं। गोलीबारी की घटनाएं जारी हैं, और स्थिति अभी भी अस्थिर बनी हुई है। इस बीच, सीमावर्ती क्षेत्रों के लोग डर और अनिश्चितता के साये में जी रहे हैं, जो सरकार और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से शांति और सुरक्षा की मांग कर रहे हैं।

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