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Monday, May 5   8:31:21

पैसे लेकर लड़ने वाले सैनिक पाकिस्तान में? इंस्टाग्राम पोस्ट ने खोली जंग की नई चाल

परदे के पीछे क्या चल रहा है पाकिस्तान में?

22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव की खबरें लगातार सुर्खियों में बनी हुई हैं। लेकिन हाल ही में सोशल मीडिया, खासकर इंस्टाग्राम पर आई कुछ तस्वीरों ने इस भू-राजनीतिक टकराव को और भी पेचीदा बना दिया है।

इन तस्वीरों में हथियारों से लैस विदेशी सैनिक, पाकिस्तान की सड़कों पर घूमते दिख रहे हैं। क्या पाकिस्तान ने अब पारंपरिक सेना पर भरोसा छोड़, ‘प्राइवेट मिलिट्री कंपनियों’ यानी PMC का सहारा लेना शुरू कर दिया है? सवाल यही है, और जवाब जितना रहस्यमयी है, उतना ही चिंता का कारण भी।

PMC: कौन हैं ये ‘भाड़े के सैनिक’?

PMC यानी Private Military Companies — निजी सुरक्षा एजेंसियाँ जो पैसे लेकर युद्ध या सुरक्षा से जुड़ी सेवाएं देती हैं। इनका कोई आधिकारिक राष्ट्र या वर्दी नहीं होती, लेकिन इनके पास ट्रेनिंग और हथियार किसी आधुनिक सेना से कम नहीं होते।

आप इन्हें आधुनिक युग के मर्सीनरी (Mercenary) कह सकते हैं — जो पैसा लेकर किसी भी देश के लिए लड़ सकते हैं, मर सकते हैं, और मार सकते हैं।

इनमें ज्यादातर भूतपूर्व कमांडो और स्पेशल फोर्सेस के जवान शामिल होते हैं। उदाहरण के लिए, अमेरिका की ब्लैकवाटर, रूस की वैग्नर ग्रुप और अब चर्चा में आई अमेरिकी कंपनी Forward Observations Group (FOG)।

इंस्टाग्राम पोस्ट्स से खुली पाकिस्तान की पोल

26 अप्रैल को Forward Observations Group 2.0 नामक इंस्टाग्राम अकाउंट से कुछ तस्वीरें पोस्ट की गईं। एक तस्वीर में हथियारों से लैस शख्स को लिखा गया — “Doc in Pakistan on a PSD contract”। PSD का मतलब – Personal Security Detachment यानी किसी खास शख्स की सुरक्षा में तैनात।

इसके बाद सामने आईं और भी तस्वीरें — लाहौर के DHA फेज़ 10 और बेदियान लिंक जैसे इलाकों में इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर (EW) वाहनों की मौजूदगी। इस गाड़ी पर साफ लिखा था – “EW vehicle for convoy in PK”। वहीं कुछ तस्वीरों में ICT (इस्लामाबाद कैपिटल टेरिटरी) की नंबर प्लेट वाली बीएमडब्ल्यू और मर्सिडीज़ गाड़ियाँ दिखीं, जो इस बात को और पुष्ट करती हैं कि PMC से जुड़े लोग पाकिस्तान की राजधानी और संवेदनशील इलाकों में घूम रहे हैं।

एक अन्य तस्वीर में पाकिस्तान एयरफोर्स के नूर खान एयरबेस का जिक्र आया, जो साफ बताता है कि ये ऑपरेटिव्स पाकिस्तान की सैन्य संरचनाओं के बेहद करीब हैं।

 PMC ऑपरेटिव्स पाकिस्तान में क्या काम कर रहे हैं ?

संभावनाएं कई हैं:

  1. हाई-प्रोफाइल सुरक्षा: रिपोर्ट्स कहती हैं कि पाकिस्तान की सेना के उच्चाधिकारी, खासतौर पर जनरल आसिम मुनीर, अपने ही अफसरों पर भरोसा नहीं कर पा रहे। ऐसे में विदेशी PMC को अपने परिवारों और खुद की सुरक्षा में लगाना समझ आता है।

  2. विशेष ऑपरेशन की तैयारी?
    PMC के पास गुप्त मिशन को अंजाम देने की खास ट्रेनिंग होती है। अगर भारत के खिलाफ कोई स्पेशल ऑपरेशन हो, तो पाकिस्तान की सेना उस पर सीधा आरोप नहीं झेलेगी। यह ‘छलावरण युद्ध’ की रणनीति हो सकती है।

  3. सेना को ट्रेनिंग देना: PMC के अनुभवी सैनिक स्थानीय फौज को आधुनिक गियर और युद्ध नीति की ट्रेनिंग भी देते हैं।

चीन और पाकिस्तान का PMC कनेक्शन

चीन पहले ही CPEC परियोजना की सुरक्षा के लिए Dewei Security Frontier Group जैसी PMC कंपनियाँ पाकिस्तान भेज चुका है। पाकिस्तान ने फरवरी 2025 में Joint Security Companies Framework पर दस्तखत किए, जिससे चीन की प्राइवेट मिलिट्री कंपनियाँ आधिकारिक रूप से पाकिस्तान में तैनात हो सकीं।

लेकिन अब मामला बढ़ चुका है। अमेरिका की FOG जैसी कंपनियाँ भी पाकिस्तान में दिख रही हैं। यानी अब पाकिस्तान दो-दो महाशक्तियों की प्राइवेट सेनाओं को अपने देश में जगह दे रहा है।

भारत के लिए क्यों है ये खतरनाक?

भारत की सीमाओं पर यदि किसी विदेशी PMC का ऑपरेटिव दिखता है, और वो कोई हमला करता है, तो पाकिस्तान उस पर जवाबदेह नहीं माना जाएगा। यह अघोषित युद्ध की नई शैली बन सकती है।

PMC के जरिये पाकिस्तान:

  • डिप्लोमैटिक जवाबदेही से बच सकता है

  • सीमा पार सर्जिकल ऑपरेशन का जोखिम उठा सकता है

  • प्रॉक्सी वॉर को नई शक्ल दे सकता है

युद्ध की चुपचाप तैयारी है ये!

PMC की मौजूदगी को नजरअंदाज करना आत्मघाती हो सकता है। यह किसी ट्रेलर जैसी बात नहीं, बल्कि एक नए युद्ध अध्याय की प्रस्तावना है — जहां बंदूकें किसी झंडे के नाम पर नहीं, सिर्फ पैसे पर चलेंगी।भारत को इस पर गंभीरता से विचार करना होगा। निगरानी तंत्र को मज़बूत करना होगा, कूटनीतिक रूप से दुनिया को दिखाना होगा कि पाकिस्तान किस दिशा में बढ़ रहा है।