वडोदरा: गुजरात के वडोदरा शहर की एक दिव्यांग छात्रा, येशा मकवाना ने अपनी असाधारण प्रतिभा और दृढ़ संकल्प से सभी को अचंभित कर दिया है। जन्म से नेत्रहीन होने के बावजूद, येशा ने हाल ही में घोषित हुए गुजरात बोर्ड के 12वीं कक्षा के परिणामों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए 96.23 परसेंटाइल हासिल किए हैं। बीआरजी ग्रुप द्वारा संचालित उर्मी स्कूल की इस छात्रा ने अपनी शारीरिक कमी को अपनी सफलता के रास्ते में कभी बाधा नहीं बनने दिया।
परिणाम घोषित होने के बाद येशा मकवाना की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उनकी इस शानदार उपलब्धि ने न केवल उनके स्कूल और परिवार को गौरवान्वित किया है, बल्कि यह उन सभी लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी है जो किसी भी प्रकार की चुनौती का सामना कर रहे हैं। येशा ने यह साबित कर दिया है कि सच्ची लगन और मेहनत से हर मुश्किल को पार किया जा सकता है।
येशा जन्म से ही दोनों आंखों से देख नहीं सकती हैं। उन्होंने अपनी बोर्ड की परीक्षाएं ब्रेल लिपि के माध्यम से दी थीं। अपनी इस कमी के बावजूद, येशा हमेशा से ही पढ़ाई में मेधावी रही हैं। स्कूल के शिक्षकों और उनके माता-पिता ने उनकी शिक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और उनके निरंतर प्रोत्साहन और मार्गदर्शन के कारण ही येशा ने यह उत्कृष्ट परिणाम प्राप्त किया है।
अपनी इस सफलता से उत्साहित येशा मकवाना अब एक बड़ा सपना लेकर आगे बढ़ रही हैं। उनकी महत्वाकांक्षा यूपीएससी (संघ लोक सेवा आयोग) की परीक्षा को उत्तीर्ण कर एक प्रशासनिक अधिकारी बनने की है। उनकी इस दृढ़ इच्छाशक्ति और शानदार शैक्षणिक प्रदर्शन को देखते हुए, यह कहना गलत नहीं होगा कि येशा निश्चित रूप से अपने इस लक्ष्य को भी प्राप्त करने में सफल होंगी।
येशा मकवाना की यह कहानी साहस, दृढ़ता और सकारात्मकता का एक अद्भुत उदाहरण है। उन्होंने यह दिखाया है कि यदि इरादे मजबूत हों तो कोई भी शारीरिक बाधा किसी के सपनों को साकार करने से नहीं रोक सकती। उनकी इस उपलब्धि पर उन्हें हर तरफ से बधाईयां मिल रही हैं और वह निश्चित रूप से कई अन्य लोगों को भी प्रेरित करेंगी।

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