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सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को कहा- स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ, किसानों की हालत समझते हैं

6 Jan. Vadodara: किसान आंदोलन को आज यानी बुधवार को 42वां दिन हो चुके हैं। कृषि कानूनों को निरस्त करने की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई 11 जनवरी तक टल गई है। जस्टिस एस ए बोबडे की बेंच ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल से कहा कि स्थिति में कोई सुधार नहीं है। साथ ही कहा कि हम किसानों की हालत समझते हैं।

कोर्ट ने कहा- बातचीत की कोशिश जारी रखें

कृषि कानून निरस्त करने की अर्जी एक वकील ने लगाई है। केंद्र सरकार की तरफ से कोर्ट में पेश हुए सॉलिसिटर जनरल और अटॉर्नी जनरल ने कहा, ‘किसानों से अच्छे माहौल में बातचीत हो रही है। हो सकता आने वाले समय में कोई नतीजा निकल आए, इसलिए फिलहाल सुनवाई करना ठीक नहीं होगा।’ कोर्ट ने इस बात को मान लिया और सुनवाई सोमवार तक टाल दी। साथ ही कहा कि किसानों से बातचीत जारी रखें।

किसान कल निकालेंगे ट्रैक्टर मार्च

किसानों ने खराब मौसम की वजह से 6 जनवरी के बदले 7 जनवरी को दिल्ली के चारों तरफ ट्रैक्टर मार्च निकालने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि यह मार्च 26 जनवरी को होने वाली ट्रैक्टर परेड का ट्रायल होगा।

250 महिलाएं होंगी 26 जनवरी की ट्रैक्टर परेड का हिस्सा

सिंघु बॉर्डर पर किसानों ने कहा कि, “अगर सरकार ने कृषि कानून वापस नहीं लिए तो वे दिल्ली में 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड करेंगे। परेड का नेतृत्व पंजाब और हरियाणा की महिलाएं करेंगी। वे किस तरह रैली को अंजाम देंगी, ये भी सोच लिया है। हरियाणा की करीब 250 महिलाएं ट्रैक्टर चलाने की ट्रेनिंग ले रही हैं।”

किसानों और सरकार के बीच अभी भी बातचीत का दौर जारी ही है। 4 जनवरी की मीटिंग बेनतीजा रहने के बाद अगली तारीख 8 जनवरी तय हुई। अगली बैठक में कृषि कानूनों को वापस लेने और MSP पर अलग कानून बनाने की मांग पर बात होगी। यह 9वें दौर की बैठक होनी है। इससे पहले सिर्फ 7वें दौर की मीटिंग में किसानों की 2 मांगों पर सहमति बन पाई थी, बाकी सभी बैठकें बेनतीजा रहीं।

किसानों ने टिकरी बॉर्डर पर पक्के निर्माण का काम शुरू किया

आंदोलन लंबा खिंचता नज़र आ रहा है जिसके बाद किसानों ने टिकरी बॉर्डर पर ईंट-गारे से पक्के ठिकाने बनाने शुरू कर दिए हैं। पिछले दिनों हुई बारिश के कारण उनके टेंट गिर गए थे। आंदोलन कर रहे किसान सड़क के बीच में ही पक्के ऑफिस भी बना रहे हैं। अब वे मवेशियों को भी यहीं लाने की तैयारी कर रहे हैं।

तो वहीं, पंजाब के फतेहगढ़ साहिब के गांव रुड़की के किसान गुरदर्शन सिंह (48) की मंगलवार को हार्ट अटैक से मौत हो गई। वे दिल्ली में आंदोलन में शामिल हुए थे। उनके बेटे ने बताया कि 3 जनवरी को दिल्ली में पिता की तबीयत खराब होने पर डॉक्टरों ने उन्हें घर भेजा था। वहीँ उनकी मौत हो गई।

रिलायंस की अर्जी पर पंजाब सरकार को नोटिस थमाया

कृषि आंदोलन के बीच टेलीकॉम नेटवर्क को नुक्सान करने और जबरन स्टोर बंद कराने के खिलाफ रिलायंस जियो ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में अर्जी लगाई थी, जिसके बाद कोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई करते हुए पंजाब सरकार और केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा। अब अगली सुनवाई 8 फरवरी को होनी है।