CATEGORIES

April 2025
M T W T F S S
 123456
78910111213
14151617181920
21222324252627
282930  
Wednesday, April 2   7:03:35

भारत का मध्यम वर्ग: ‘कर्ज़ लेकर जीने की मजबूरी’ या एक आर्थिक संकट की आहट?

“जब कमाई स्थिर रहे और महंगाई बढ़ती जाए, तो मध्यम वर्ग क्या करे? कर्ज़ ही एकमात्र रास्ता बचता है!” – एक परेशान गृहस्थ की व्यथा

क्या भारत का मध्यम वर्ग आर्थिक संकट में है?
भारत का मध्यम वर्ग, जिसे देश की आर्थिक रीढ़ माना जाता है, आज भारी दबाव में है। एक समय था जब इस वर्ग की पहचान ‘सुरक्षित नौकरी, अच्छी बचत और सम्मानजनक जीवन’ से होती थी। लेकिन अब हालात ऐसे हैं कि लोग अपनी रोज़मर्रा की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए कर्ज़ लेने को मजबूर हो गए हैं।

मार्सेलस इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स के प्रमुख निवेश अधिकारी सौरभ मुखर्जी ने हाल ही में इस पर गंभीर चिंता व्यक्त की। उनके अनुसार, “भारत का मध्यम वर्ग कर्ज़ लेकर जीने को मजबूर है, और यह स्थिति देश की अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा संकेत नहीं है।”

AI और महंगाई का डबल अटैक!
आज मध्यम वर्ग दोहरी मार झेल रहा है—एक तरफ महंगाई बढ़ रही है, दूसरी तरफ नौकरियों पर कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का खतरा मंडरा रहा है। कई सीईओ अब AI को अपनाने की बात कर रहे हैं, जिससे पारंपरिक नौकरियां खतरे में हैं।

मुखर्जी कहते हैं, “कृत्रिम बुद्धिमत्ता से होने वाला बदलाव सिर्फ तकनीकी नहीं, बल्कि सामाजिक भी है। लोग नौकरियां खो रहे हैं, लेकिन इस पर चर्चा नहीं हो रही।”

आय तो बढ़ी नहीं, खर्चे आसमान छू रहे हैं!
पिछले 10 सालों में भारत के मध्यम वर्ग की वास्तविक आय लगभग स्थिर रही है। दूसरी ओर, जो लोग 1 करोड़ रुपये से अधिक कमाते हैं, उनकी संख्या सात गुना बढ़ गई है। यानी अमीर और अमीर हो रहे हैं, लेकिन मध्यम वर्ग पिछड़ता जा रहा है।

एक आम नौकरीपेशा व्यक्ति की शिकायत है:
“पहले महीने की सैलरी आते ही कुछ बचत हो जाया करती थी, अब तो EMI भरते-भरते हाथ खाली रह जाते हैं!”

बचत नहीं, अब उधारी ही सहारा!
RBI के आंकड़ों के अनुसार, भारत में घरेलू बचत पिछले 50 वर्षों में सबसे निचले स्तर पर आ गई है। क्रेडिट कार्ड और पर्सनल लोन का चलन बढ़ गया है, जिससे मध्यम वर्ग कर्ज़ के जाल में फंसता जा रहा है।

बाजार भी बोल रहा है—मध्यम वर्ग की जेब खाली है!

FMCG कंपनियों की रिपोर्ट्स भी इस बदलाव की ओर इशारा कर रही हैं। नेस्ले इंडिया के एमडी सुरेश नारायणन का कहना है, “भारत में मध्यम वर्ग अब पहले की तरह खर्च नहीं कर रहा। हमारी बिक्री में गिरावट इसी का संकेत है।”

अब रास्ता क्या है?

1. बचत की आदत फिर से डालनी होगी – क्रेडिट कार्ड पर निर्भरता कम करें और छोटी-छोटी बचत शुरू करें।

2. नई स्किल्स सीखें – AI और टेक्नोलॉजी के बढ़ते असर को देखते हुए नई नौकरियों के लिए खुद को तैयार करना होगा।

3. सरकार को भी ध्यान देना होगा – सिर्फ चुनावी वादों से नहीं, बल्कि मध्यम वर्ग की आय बढ़ाने के ठोस कदम उठाने होंगे।

क्या मध्यम वर्ग का भविष्य अंधकारमय है?
“मध्यम वर्ग की हालत उस गाड़ी की तरह हो गई है, जिसमें ईंधन खत्म हो चुका है, लेकिन सवारी धक्का देकर उसे आगे बढ़ा रही है।” सवाल यह है कि यह गाड़ी कब तक चल सकेगी?

मध्यम वर्ग की यह लड़ाई सिर्फ उसकी नहीं, बल्कि पूरे देश की है। अगर सरकार और समाज ने इस पर ध्यान नहीं दिया, तो वह दिन दूर नहीं जब भारत का आर्थिक इंजन कमजोर हो जाएगा। अब वक्त आ गया है कि हम इस समस्या को समझें और मिलकर समाधान की ओर बढ़ें।

आप क्या सोचते हैं? क्या मध्यम वर्ग को इससे उबरने के लिए कोई खास रणनीति अपनानी चाहिए?