कौन नहीं चाहता कि वह अपने पैरों पर खड़ा हो, अपनी कमाई करे और आत्मनिर्भर बने? यह सपना हर इंसान देखता है, लेकिन कई बार जीवन की परिस्थितियाँ इस सपने को पूरा नहीं होने देतीं। ऐसी ही एक प्रेरणादायक कहानी है आबा की, जिन्होंने 70 साल की उम्र में अपनी बहू के साथ मिलकर ‘Nayher’ नाम से अपना खुद का ब्रांड शुरू किया।
बचपन से आत्मनिर्भर बनने की चाहत
आबा का कहना है, “मैंने अपनी जिंदगी में बहुत कोशिश की थी कि मैं अपने पैरों पर खड़ी हो सकूं, अपनी कमाई कर सकूं, लेकिन हालात ऐसे रहे कि मैं ऐसा नहीं कर पाई।” उम्र के इस पड़ाव पर आकर भी उनकी यह इच्छा मरी नहीं, बल्कि और मजबूत हो गई।
बहू ने बढ़ाया हौसला
अगर परिवार में कोई हमें समझे और हमारा साथ दे, तो असंभव भी संभव हो सकता है। आबा को यह सहारा उनकी बहू से मिला। वे बताती हैं, “अगर मेरी बहू नहीं होती, तो यह सपना कभी पूरा नहीं हो पाता।” बहू ने आबा की प्रतिभा को पहचाना और उन्हें प्रेरित किया कि वे अपनी कला को एक व्यवसाय के रूप में आगे बढ़ाएं।
कैसे शुरू हुआ ‘Nayher’ ब्रांड?
आबा को क्रोशिया (crochet) के जरिए सुंदर और आकर्षक डिज़ाइन बनाने में निपुणता हासिल थी। उन्होंने वर्षों तक इसे सिर्फ एक शौक के रूप में किया, लेकिन बहू के सुझाव और सहयोग से उन्होंने इसे एक व्यवसाय में बदलने का फैसला किया। इसी के साथ ‘Nayher’ नाम से उनका ब्रांड लॉन्च हुआ। अब वे न केवल खुद के लिए काम कर रही हैं, बल्कि दूसरों के लिए भी प्रेरणा बन रही हैं।
नई सोच, नई ऊर्जा-:
70 साल की उम्र में जहाँ लोग रिटायर होकर आराम करते हैं, वहीं आबा ने अपने जीवन को नए सिरे से शुरू किया। उनका कहना है कि “उम्र सिर्फ एक संख्या है, अगर आप कुछ करना चाहते हैं, तो किसी भी उम्र में कर सकते हैं।” आज आबा अपने बनाए हुए क्रोशिया प्रोडक्ट्स को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर बेच रही हैं और उनकी मेहनत रंग ला रही है।
लोगों के लिए प्रेरणा
आबा की कहानी उन सभी लोगों के लिए प्रेरणादायक है, जो सोचते हैं कि उम्र के एक पड़ाव के बाद कुछ नया शुरू करना मुश्किल होता है। अगर आपके पास हुनर और हौसला है, तो हर सपना साकार हो सकता है।
अगर आप भी आबा के बनाए प्रोडक्ट्स खरीदना चाहते हैं या उनके काम को सपोर्ट करना चाहते हैं, तो उनकी वेबसाइट www.nayher.com पर विज़िट कर सकते हैं।
आबा की यह यात्रा इस बात का उदाहरण है कि सपनों की कोई उम्र नहीं होती। अगर परिवार का सहयोग मिले और आत्मविश्वास बना रहे, तो जिंदगी के किसी भी मोड़ पर नई शुरुआत की जा सकती है। उनका यह सफर हमें यह सिखाता है कि “कभी भी हार मत मानो, सपने देखने और उन्हें पूरा करने की कोई उम्र नहीं होती!”

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