होली की रात (13 मार्च, 2025) वडोदरा में हुई एक भयानक दुर्घटना ने पूरे शहर को झकझोर कर रख दिया। रक्षित चौरसिया नाम के युवक ने नशे की हालत में 120 की रफ्तार से कार दौड़ाई और आम्रपाली रोड के पास 8 लोगों को कुचल दिया। इस दर्दनाक हादसे में एक महिला की मौत हो गई, जबकि 7 अन्य लोग घायल हुए। हैरानी की बात यह रही कि इस हादसे के बावजूद रक्षित ने ‘Another Round!’ चिल्लाते हुए एक और बार स्पीड बढ़ाने की कोशिश की।
पुलिस ने आरोपी रक्षित को गिरफ्तार कर लिया और फिलहाल वह दो दिन की पुलिस रिमांड पर है। लेकिन जब इस पूरे मामले की पड़ताल की गई तो जो मिला, उसने इस केस को और भी सनसनीखेज बना दिया!
“Another Round”—बस एक शब्द या जानलेवा प्रेरणा?
रक्षित चौरसिया के किराए के मकान में “Another Round” लिखी हुई एक फोटोफ्रेम मिली। यह शब्द यूं ही नहीं लिखा गया था, बल्कि इसके पीछे छिपी थी एक अजीब और चौंकाने वाली कहानी।
दरअसल, Another Round 2020 में रिलीज़ हुई एक डेनिश फिल्म है, जिसे मशहूर निर्देशक थॉमस विंटरबर्ग ने बनाया था। यह फिल्म चार दोस्तों की कहानी दिखाती है, जो एक विचित्र सिद्धांत को आज़माते हैं—अगर इंसान के शरीर में 0.05% ब्लड अल्कोहल कंटेंट (BAC) बना रहे, तो वह ज्यादा खुश, आत्मविश्वासी और रचनात्मक हो सकता है!
इस फिल्म में दिखाया गया है कि चारों दोस्त हमेशा नशे की हालत में रहते हैं, जिससे उनकी ज़िंदगी पहले रोमांचक लगती है, लेकिन फिर यह लत उनके लिए खतरनाक साबित होती है।
रक्षित चौरसिया का “Another Round” कनेक्शन!
रक्षित के दोस्तों और पुलिस की जांच में यह सामने आया कि वह भी इस फिल्म से बेहद प्रभावित था। उसकी दोस्ती का ग्रुप भी चार लोगों का था—रक्षित, प्रांशु, सुरेश और निकिता। सबसे चौंकाने वाली बात—हादसे के बाद भी उसने ‘Another Round’ चिल्लाकर कार की स्पीड और बढ़ाने की कोशिश की!
यह महज इत्तेफाक है या एक मानसिक प्रभाव? क्या यह फिल्म रक्षित के खतरनाक व्यवहार के पीछे की असली वजह थी?
खतरनाक ट्रेंड—फिल्मों से प्रेरित अपराध!
इससे पहले भी कई अपराध फिल्मों से प्रेरित होकर किए गए हैं। याद कीजिए—
मुंबई का ‘धूम’ स्टाइल बाइक चोरी गैंग – यह गैंग धूम फिल्म देखकर बाइक चोरी करने लगा था।
‘डर’ फिल्म से प्रेरित होकर स्टॉकर बने कई युवक – इस फिल्म में शाहरुख खान के किरदार की तरह कई लोग अपनी प्रेमिकाओं को स्टॉक करने लगे थे।
‘Money Heist’ का इफेक्ट – स्पेन की इस वेब सीरीज़ से प्रेरित होकर कई देशों में लूट की घटनाएं सामने आईं।
रक्षित चौरसिया का मामला भी इसी तरह की मानसिकता का नतीजा लगता है, जहां उसने फिल्मों और नशे को असली ज़िंदगी में अपनाने की कोशिश की, जो अंततः एक बड़े हादसे में बदल गई।
क्या सीख सकते हैं हम?
इस पूरी घटना के बाद आज की पीढ़ी को कई सारी सीख मिलती है। जैसे आज की जनरेशन कोमनोरंजन और वास्तविकता में फर्क समझना ज़रूरी है! उन्हें समझना होगा कि वे फिल्मों या वेब सीरीज़ को लाइफस्टाइल न बनाएं!
नशा किसी भी हालत में खतरनाक है!अगर कोई दोस्त लगातार नशे में डूब रहा हो, तो उसे रोकें!
अब देखना यह होगा कि अदालत इस केस में क्या फैसला सुनाती है। क्या “Another Round” जैसी फिल्मों से प्रेरित होकर किए गए अपराधों के लिए भी कोई कार्रवाई होगी? या फिर यह सिर्फ एक और केस बनकर रह जाएगा?
आपका इस बारे में क्या सोचना है? क्या फिल्मों की इस तरह की कहानियों को सेंसर किया जाना चाहिए? कमेंट करके अपनी राय ज़रूर दें!
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