CATEGORIES

February 2025
M T W T F S S
 12
3456789
10111213141516
17181920212223
2425262728  
Tuesday, February 25   1:37:49

दिल्ली विधानसभा सत्र में हंगामा: 13 AAP विधायक सस्पेंड, LG की स्पीच के दौरान हुआ बवाल

दिल्ली विधानसभा के सत्र के दूसरे दिन एक बड़ा हंगामा देखने को मिला जब उप-राज्यपाल (LG) वीके सक्सेना के अभिभाषण के दौरान आम आदमी पार्टी (AAP) के 13 विधायकों ने विरोध प्रदर्शन किया। इन विधायकों में नेता प्रतिपक्ष आतिशी भी शामिल थीं। नारेबाजी करते हुए ये विधायक “मोदी-मोदी” के नारे लगा रहे थे, जिसके बाद मार्शल्स ने उन्हें सदन से बाहर निकाल दिया और सभी को पूरे दिन के लिए सस्पेंड कर दिया।

यह विवाद तब बढ़ा, जब आतिशी ने मुख्यमंत्री के आवास में शहीद भगत सिंह और डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर की तस्वीरें हटाने पर सवाल उठाया। उन्होंने यह भी पूछा कि क्या प्रधानमंत्री मोदी को बाबा साहेब अंबेडकर से बड़ा माना जा सकता है। उनका यह सवाल राजनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण था, क्योंकि अंबेडकर और भगत सिंह की तस्वीरों को हटाना एक संवेदनशील मुद्दा बन सकता है।

इसके साथ ही, शराब नीति पर काग्रेपोर्ट (CAG) रिपोर्ट भी विधानसभा में पेश की गई, जिसमें यह दावा किया गया कि दिल्ली सरकार की गलत शराब नीति के कारण राज्य को ₹2,026 करोड़ का नुकसान हुआ।

मुख्य घटनाएं और प्रतिक्रियाएं

  1. शराब नीति पर CAG रिपोर्ट: CAG ने अपनी रिपोर्ट में यह बताया कि आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार की शराब नीति के चलते दिल्ली को भारी वित्तीय नुकसान हुआ है। यह रिपोर्ट विधानसभा में पेश की गई और इसका असर विधानसभा सत्र पर पड़ा।

  2. आतिशी का विरोध: विधानसभा में सस्पेंड होने के बाद, आतिशी ने आरोप लगाया कि जब बीजेपी विधायकों ने प्रधानमंत्री मोदी के नारे लगाए, तब उन्हें कुछ नहीं कहा गया, लेकिन AAP के विधायक जब डॉ. अंबेडकर के नारे लगा रहे थे, तो उन्हें सस्पेंड कर दिया गया। यह एक गंभीर आरोप था, जिससे भाजपा और AAP के बीच राजनीति का नया मोड़ आ सकता है।

  3. शहीद भगत सिंह और अंबेडकर की तस्वीरें: AAP विधायकों ने मुख्यमंत्री कार्यालय से भगत सिंह और अंबेडकर की तस्वीरें हटाने का मुद्दा उठाया, और इसे भाजपा की दलित विरोधी मानसिकता के रूप में पेश किया। भाजपा ने इसे नकारते हुए दावा किया कि इन तस्वीरों की जगह बदली गई थी, न कि हटाई गई।

राजनीतिक टकराव
यह घटनाक्रम दिल्ली की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है। जहां एक ओर AAP ने इस मुद्दे को भाजपा के खिलाफ दलित विरोधी करार दिया, वहीं भाजपा ने इसे पूरी तरह से खारिज किया। यह मुद्दा अब विधानसभा से बाहर भी चर्चा का विषय बन चुका है और चुनावी राजनीति में नया विवाद उत्पन्न कर सकता है।

दिल्ली विधानसभा में हुआ यह हंगामा न केवल राजनीति का एक नज़ारा प्रस्तुत करता है, बल्कि यह इस बात का भी संकेत है कि दिल्ली में सत्ता की ओर से की जाने वाली हर कार्रवाई पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। चाहे वह शराब नीति हो या मुख्यमंत्री कार्यालय की तस्वीरों का मुद्दा, दोनों ही मामलों में दोनों पक्षों के बीच तेज़ आरोप-प्रत्यारोप हो रहे हैं। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि इस विवाद का क्या असर विधानसभा की कार्यवाही पर पड़ेगा, लेकिन यह मामला आने वाले दिनों में और भी बड़ा बन सकता है।

इस पूरे घटनाक्रम से यह साबित होता है कि दिल्ली की राजनीति में अब कोई भी मुद्दा छोटा नहीं रहता। हर विषय अब संवेदनशील बन चुका है और पार्टी के भीतर भी यह तनाव उत्पन्न कर रहा है। AAP और भाजपा दोनों ही अपनी ओर से इस मुद्दे पर राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश कर रहे हैं। यह देखना होगा कि इस विवाद का असर दिल्ली में आगामी चुनावों पर कैसा पड़ता है और कौन सी पार्टी इसे अपने पक्ष में मोड़ पाती है।

कुल मिलाकर, दिल्ली विधानसभा सत्र में उत्पन्न हुआ यह हंगामा एक बड़े राजनीतिक संघर्ष का हिस्सा है, जो न केवल दिल्ली की सत्ता की स्थिरता को चुनौती दे रहा है, बल्कि भारतीय राजनीति में भी एक नई बहस छेड़ रहा है।