हरियाणा में 2 मार्च को होने वाले नगर निकाय चुनाव से पहले कांग्रेस को करनाल में बड़ा झटका लगा है। कांग्रेस के करीब 50 नेता भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हो गए हैं। इस मौके पर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बडोली भी मौजूद थे।
बीजेपी में शामिल हुए कई बड़े नेता
भाजपा में शामिल होने वाले नेताओं में हरियाणा अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष त्रिलोचन सिंह, कांग्रेस के पूर्व जिला अध्यक्ष अशोक खुराना, करनाल नगर निगम के पूर्व अध्यक्ष बलविंदर कालरा शामिल हैं। इसके अलावा आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता संजय बिंदल, कांग्रेस के ओबीसी सेल के जिला अध्यक्ष संजय चंदेल और कई पूर्व पार्षद भी बीजेपी में शामिल हो गए। कांग्रेस नेता निट्टू मान ने भी भाजपा का दामन थाम लिया।
करनाल को बीजेपी का मजबूत गढ़ माना जाता है और अब कांग्रेस के कई बड़े नेताओं के बीजेपी में शामिल होने से पार्टी को और मजबूती मिलेगी। बीजेपी ने करनाल से रेनू बाला गुप्ता को मेयर पद का उम्मीदवार बनाया है। इस मौके पर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा, “मैं बीजेपी में शामिल हुए सभी नेताओं का स्वागत करता हूं। आपके सहयोग से हमारी ताकत बढ़ेगी और हम पूरी निष्ठा से जनता की सेवा कर सकेंगे।”
कांग्रेस में मचा घमासान
कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि पार्टी ने पूर्व डिप्टी मेयर मनोज वाधवा को मेयर पद का उम्मीदवार बनाया, जिससे कार्यकर्ताओं में निराशा थी। पार्टी के कई लोग उन्हें पसंद नहीं करते थे, जिसके कारण कई नेताओं ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया। कांग्रेस छोड़ने की खबर के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने नाराज नेताओं को मनाने की कोशिश की, लेकिन कोई खास असर नहीं हुआ।
मेयर पद के उम्मीदवार मनोज वाधवा खुद कई नेताओं के घर जाकर उन्हें समझाने की कोशिश करते रहे, लेकिन वे बीजेपी में शामिल होने के लिए अडिग रहे।
“कांग्रेस जनहित के मुद्दों से भटक गई है”
बीजेपी में शामिल हुए त्रिलोचन सिंह ने कहा, “मैंने कांग्रेस छोड़ दी क्योंकि पार्टी अब जनहित के मुद्दों से भटक गई है।” उन्होंने कांग्रेस नेतृत्व का आभार व्यक्त किया कि उन्हें दो बार चुनाव लड़ने का मौका दिया गया और अल्पसंख्यक आयोग का अध्यक्ष बनाया गया।
मेयर उम्मीदवार का बड़ा आरोप
वहीं, कांग्रेस के मेयर उम्मीदवार मनोज वाधवा ने बीजेपी पर दबाव डालकर नेताओं को तोड़ने का आरोप लगाया। उन्होंने त्रिलोचन सिंह पर पीठ में छुरा घोंपने का आरोप लगाते हुए कहा, “त्रिलोचन सिंह आखिरी समय तक मेरे साथ थे, लेकिन नामांकन दाखिल करने के अगले ही दिन उन्होंने पार्टी बदल दी।”
हरियाणा की राजनीति में इस बड़े उलटफेर के बाद कांग्रेस की स्थिति कमजोर होती नजर आ रही है, जबकि बीजेपी इस बदलाव को अपनी मजबूती के रूप में देख रही है।
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