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शिवपुरी में एयरफोर्स का मिराज-2000 फाइटर प्लेन क्रैश

मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के बहरेटा सानी गांव के पास एयरफोर्स का टू-सीटर मिराज-2000 फाइटर प्लेन दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हादसा दोपहर लगभग 2:40 बजे हुआ। इस प्लेन में दो पायलट सवार थे, जो दुर्घटना से पहले खुद को इजेक्ट करने में सफल रहे। दोनों पायलट सुरक्षित हैं। हादसे के बाद ग्रामीणों ने पायलटों की सहायता की।

घटना कैसे हुई?

भारतीय वायुसेना के तीन फाइटर प्लेनों ने ग्वालियर एयरबेस से नियमित प्रशिक्षण उड़ान भरी थी। इनमें से एक विमान तकनीकी खराबी के कारण खेत में जा गिरा और उसमें आग लग गई। मौके पर एयरफोर्स की टीम हेलिकॉप्टर से पहुंची और दोनों पायलटों को ग्वालियर ले जाया गया। अन्य दो विमान सुरक्षित लौट आए।

ग्रामीणों की भूमिका और पायलट की सतर्कता

घटना के बाद पायलटों में से एक ने मोबाइल के जरिए अपने अधिकारियों को हादसे की सूचना दी। उन्होंने कहा, “जोशी, जाधव बोल रहा हूं… वेस्ट में मैं इजेक्ट हुआ हूं। एयरक्राफ्ट जल रहा है, ऊपर से दिख जाएगा। जल्दी मदद भेजो।” पायलट की सूझबूझ और सही निर्णय ने उनकी जान बचाई।

एयरफोर्स की प्रतिक्रिया

भारतीय वायुसेना ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर बयान जारी करते हुए कहा, “एक मिराज-2000 विमान नियमित प्रशिक्षण उड़ान के दौरान सिस्टम में खराबी के कारण दुर्घटनाग्रस्त हो गया। दोनों पायलट सुरक्षित हैं। हादसे की जांच के आदेश दिए गए हैं।”

इससे पहले भी हुआ था हादसा

ऐसा पहली बार नहीं है जब मध्य प्रदेश में एयरक्राफ्ट दुर्घटना हुई हो। इससे पहले 11 अगस्त को गुना में एविएशन एकेडमी का एक टू-सीटर एयरक्राफ्ट 152 क्रैश हो गया था। इस घटना में भी तकनीकी खराबी को हादसे का कारण बताया गया था।

तकनीकी खराबी से जुड़े ये हादसे वायुसेना की सुरक्षा प्रणाली पर सवाल खड़े करते हैं। हालांकि पायलटों की ट्रेनिंग और उनकी सतर्कता सराहनीय है, जिसने इस हादसे को एक बड़ी त्रासदी बनने से बचा लिया। हमें उम्मीद है कि जांच के बाद इन तकनीकी खामियों को दूर किया जाएगा ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।

यह घटना बताती है कि हमारे पायलट कितनी दक्षता से अपनी और दूसरों की जान बचाने के लिए तैयार रहते हैं। लेकिन तकनीकी सुरक्षा में सुधार की आवश्यकता है। वायुसेना की ओर से हादसे की जांच के आदेश सही दिशा में उठाया गया कदम है।