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Saturday, April 19   11:08:21

महामंडलेश्वर बनीं ममता कुलकर्णी का मंत्रोच्चारण बना मज़ाक? वायरल वीडियो पर मचा बवाल!

बॉलीवुड से अध्यात्म की ओर रुख करने वाली ममता कुलकर्णी एक बार फिर चर्चा में हैं। हाल ही में उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें वे हिंदू ग्रंथों के मंत्रों का उच्चारण करते हुए नजर आ रही हैं। लेकिन सोशल मीडिया यूजर्स का दावा है कि उन्होंने मंत्रों का गलत उच्चारण किया, जिसके चलते उन्हें ट्रोलिंग का सामना करना पड़ रहा है।

ममता कुलकर्णी और महामंडलेश्वर का विवाद

1990 के दशक की प्रसिद्ध अभिनेत्री ममता कुलकर्णी ने जब संन्यास ग्रहण किया और किन्नर अखाड़े द्वारा महामंडलेश्वर की उपाधि प्राप्त की, तब यह खबर सुर्खियों में छा गई। हालांकि, यह सम्मान उन्हें अधिक दिनों तक नहीं मिल सका। केवल सात दिन बाद ही आंतरिक कलह के चलते आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी और ममता कुलकर्णी को अखाड़े से निष्कासित कर दिया गया।

अब एक नए विवाद ने ममता कुलकर्णी को फिर से लाइमलाइट में ला दिया है। एक हालिया टेलीविजन इंटरव्यू में जब उनसे धार्मिक ग्रंथों और वेदों के बारे में सवाल किए गए, तो उन्होंने ध्यान की मुद्रा में बैठकर मंत्रों का उच्चारण करना शुरू कर दिया। लेकिन उनकी यही कोशिश उन पर भारी पड़ गई।

गलत मंत्रोच्चारण पर लोगों ने किया ट्रोल

वीडियो वायरल होते ही सोशल मीडिया यूजर्स ने उन्हें जमकर ट्रोल किया। एक यूजर ने लिखा, “सो चूहे खाकर बिल्ली हज को चली।” तो वहीं दूसरे ने कहा, “यह सब हाइलाइट होने के लिए किया जा रहा है।” एक अन्य यूजर ने कटाक्ष करते हुए लिखा, “मैडम पूरा मंत्र ही गलत पढ़ दिया, इसलिए आपको अखाड़े से निकाला गया है।”

क्या सिर्फ दिखावे के लिए था ये अध्यात्म?

ममता कुलकर्णी का बॉलीवुड से संन्यास की ओर जाना कई लोगों के लिए चौंकाने वाला था। लेकिन अब यह सवाल उठने लगा है कि क्या उनका अध्यात्म वास्तव में गहरा था या फिर यह सिर्फ एक ढोंग मात्र था? महामंडलेश्वर बनने के लिए धार्मिक ग्रंथों का गहन अध्ययन और सही उच्चारण जरूरी होता है, लेकिन अगर कोई इतने बड़े पद पर रहते हुए भी मूल मंत्रों का सही उच्चारण न कर पाए, तो संदेह तो उठेगा ही।

संन्यास और अध्यात्म एक गहरी साधना का विषय है, जिसे केवल बाहरी आडंबर से नहीं बल्कि सच्चे मन से अपनाया जाना चाहिए। अगर कोई व्यक्ति सिर्फ पहचान और चर्चा में आने के लिए इस रास्ते पर चलता है, तो देर-सवेर असलियत सामने आ ही जाती है। इस वीडियो ने न केवल ममता कुलकर्णी के ज्ञान पर सवाल खड़े कर दिए हैं, बल्कि यह भी दिखा दिया है कि सोशल मीडिया पर कुछ भी छिपाना आसान नहीं है