उत्तराखंड के बाद अब गुजरात में भी यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) को लागू करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। गुजरात सरकार ने इस महत्वपूर्ण निर्णय के लिए पांच सदस्यों की एक समिति का गठन किया है, जो इस विषय पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार करेगी।
इस समिति में देश के सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना देसाई को प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया है। इसके अलावा सेवानिवृत्त वरिष्ठ आईएएस अधिकारी सीएल मीना, एडवोकेट आरसी कोडेकर, पूर्व वाइस चांसलर दक्षेश ठाकर, और सामाजिक कार्यकर्ता गीता श्रॉफ को भी समिति में शामिल किया गया है।
गुजरात के गृह मंत्री हर्ष संघवी ने इस फैसले की जानकारी देते हुए बताया कि सरकार इस समिति की रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्यवाही करेगी।
यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर गुजरात में भी राजनीतिक हलचल शुरू हो गई है। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) ने इस कदम पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।
कांग्रेस ने इसे राजनीतिक एजेंडा बताते हुए कहा कि सरकार को पहले अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए। आम आदमी पार्टी ने भी इसे जनता को गुमराह करने वाला कदम करार दिया और सरकार से पारदर्शिता बनाए रखने की मांग की।
क्या है यूनिफॉर्म सिविल कोड?
यूनिफॉर्म सिविल कोड का मतलब है कि देश के सभी नागरिकों के लिए समान नागरिक कानून होंगे, चाहे उनका धर्म कुछ भी हो। इसमें विवाह, तलाक, संपत्ति, और गोद लेने से जुड़े कानूनों को एक समान बनाया जाएगा।
गुजरात में यूसीसी को लागू करने की दिशा में यह बड़ा कदम माना जा रहा है। समिति की रिपोर्ट आने के बाद इस पर आगे की कार्यवाही होगी। अब सबकी निगाहें इस रिपोर्ट पर टिकी हैं कि इसमें क्या सिफारिशें की जाएंगी और सरकार कैसे इसे लागू करेगी

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