Uniform Civil Code: उत्तराखंड विधानसभा में यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) ध्वनि मत से पारित हो गया था, जिससे उत्तराखंड यह कानून लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया। अब गुजरात में भी यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू किया जा सकता है। इस संबंध में राज्य सरकार आज (4 फरवरी) बड़ी घोषणा कर सकती है। सरकार पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक समिति की घोषणा कर सकती है, जो UCC से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर विचार करेगी।
यूनिफॉर्म सिविल कोड क्या है?
भारत सरकार पूरे देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने की पहल कर रही है। इस कानून का उद्देश्य सभी धर्मों और समुदायों के लिए समान नागरिक कानून लागू करना है। वर्तमान में अलग-अलग धर्मों के लिए भिन्न-भिन्न निजी कानून मौजूद हैं, जो कई बार विवाद का कारण बनते हैं। आसान भाषा में कहें तो UCC का मतलब है कि सभी नागरिकों के लिए विवाह, तलाक, गोद लेना और संपत्ति से जुड़े समान कानून होंगे, जो संसद द्वारा तय किए जाएंगे।
संविधान के अनुच्छेद 44 के तहत यूनिफॉर्म सिविल कोड का उल्लेख किया गया है। यह अनुच्छेद कहता है कि राज्य को नागरिकों के लिए पूरे भारत में समान नागरिक संहिता सुनिश्चित करने का प्रयास करना चाहिए। इस कानून को लागू करने का मुख्य उद्देश्य जनसंख्या नियंत्रण, विवाह, तलाक, दत्तक ग्रहण और संपत्ति के मामलों में समानता लाना है। इसके तहत किसी भी धर्म, जाति या परंपरा के आधार पर भेदभाव नहीं किया जाएगा और सभी नागरिकों के लिए समान नियम होंगे।
गुजरात में क्या होगा असर?
अगर गुजरात में UCC लागू होता है, तो यह देश का दूसरा राज्य बन जाएगा जहां समान नागरिक संहिता लागू होगी। इससे विवाह, तलाक, संपत्ति वितरण और पारिवारिक मामलों में एक समान कानून लागू होगा, जिससे सभी धर्मों के लोगों के लिए समान अधिकार सुनिश्चित किए जाएंगे। राज्य सरकार इस कानून को लागू करने से पहले कानूनी विशेषज्ञों और समाज के विभिन्न वर्गों से राय ले सकती है।
अब सभी की नजरें गुजरात सरकार की संभावित घोषणा पर टिकी हैं।
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