अहमदाबाद नगर निगम की राजस्व समिति की बैठक में यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया कि अब शहर में बनने वाली नई संपत्तियों में पहले मालिक के रूप में बिल्डर को ही माना जाएगा। यह प्रस्ताव मंजूर होने के बाद अब संपत्ति बेचने के बाद ट्रांसफर फीस से बचने के लिए बिल्डरों द्वारा अपनाई जाने वाली चालाकियों पर रोक लगने की उम्मीद है।
ट्रांसफर फीस से बचने की हो रही थी कोशिश
राजस्व समिति की बैठक के बाद समिति अध्यक्ष अनिरुद्धसिंह झाला ने बताया कि नगर निगम के कर विभाग द्वारा नामांतरण (ट्रांसफर) शुल्क की जांच में यह सामने आया है कि कई मामलों में बिल्डिंग यूज़ परमिशन (इस्तेमाल की अनुमति) लेते समय बिल्डर पहले ही 25 से 30 संपत्तियों की ट्रांसफर फीस भर देते हैं। इसके बाद जब खरीदार संपत्ति खरीदते हैं, तो नामांतरण शुल्क नहीं भरा जाता, जिससे नगर निगम को नुकसान होता है।
अब बिल्डर होगा पहला मालिक
इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए समिति ने यह प्रस्ताव पारित किया कि अब से बनने वाली सभी नई संपत्तियों के पहले मालिक के रूप में बिल्डर को ही माना जाएगा। इस निर्णय से नगर निगम की आय में भी वृद्धि होने की संभावना है।
नगर निगम को होगी 25 करोड़ तक की आय
फिलहाल, अहमदाबाद नगर निगम को नामांतरण शुल्क से लगभग 18 करोड़ रुपये की वार्षिक आय होती है। लेकिन इस नए नियम के लागू होने के बाद यह राशि बढ़कर 25 करोड़ रुपये तक पहुंच सकती है। इससे नगर निगम की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और शहर के विकास कार्यों को और अधिक गति मिलेगी।
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