गुजरात के महीसागर जिले के कडाणा तालुका स्थित रणकपुर गांव में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। उधभाई डामोर नामक व्यक्ति ने जाति प्रमाण पत्र के लिए जारी परेशानियों के कारण अपने जीवन का अंत कर लिया। मृतक के शव के पास एक सुसाइड नोट मिला है, जिसमें उसने अपनी निराशा और सरकारी तंत्र की लापरवाही के खिलाफ आरोप लगाए हैं।
परिवार का कहना है कि उधभाई अपनी बेटी के लिए जाति प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए काफी समय से संघर्ष कर रहे थे, लेकिन धर्म संबंधी समस्याएं और सरकारी प्रक्रिया में अड़चनों के चलते वे निराश हो गए थे। इन कठिनाइयों का सामना करते-करते उधभाई मानसिक रूप से टूट चुके थे, जिसके कारण उन्होंने यह आत्मघाती कदम उठाया।
यह घटना न केवल एक पिता की हताशा और निराशा को दर्शाती है, बल्कि यह समाज और सरकारी तंत्र की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल भी खड़े करती है। जाति प्रमाण पत्र प्राप्त करने में हो रही समस्याओं के कारण आज भी कई लोग मानसिक दबाव का सामना कर रहे हैं। यह समस्या एक बड़े पैमाने पर समाज में व्याप्त असमानता और भेदभाव को उजागर करती है, जो सरकारी तंत्र और प्रशासन की जिम्मेदारी को सामने लाती है।
इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए सरकारी व्यवस्था में त्वरित सुधार की आवश्यकता है। जाति प्रमाण पत्र जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेजों को सरल और पारदर्शी तरीके से जारी किया जाना चाहिए ताकि लोगों को मानसिक और सामाजिक दबाव का सामना न करना पड़े। समाज और सरकार दोनों को मिलकर इस दिशा में संवेदनशीलता और कार्रवाई दिखानी होगी ताकि किसी को अपनी जान गंवाने का दर्द न झेलना पड़े।
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