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Pushpak Express आग घटना में बड़ा खुलासा, जानें किसने फैलाई थी अफवाह !

22 जनवरी 2025 को महाराष्ट्र के जलगांव में एक दिल दहला देने वाला रेल हादसा हुआ, जिसमें पुष्पक एक्सप्रेस और कर्नाटका एक्सप्रेस के बीच टक्कर हो गई। यह हादसा तब हुआ जब पुष्पक एक्सप्रेस में आग लगने की अफवाह फैल गई, जिससे घबराए हुए यात्री ट्रेन से कूदने लगे और कुछ ही देर में यह हादसा हुआ, जिसमें 13 यात्रियों की मौत हो गई और 10 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। यह दुखद घटना पाचोरा स्टेशन के पास शाम 4:42 बजे घटी।

घटना का क्रम

हादसा तब शुरू हुआ जब एक चायवाले ने ट्रेन के अंदर आग लगने की झूठी अफवाह फैलानी शुरू की। इस अफवाह ने यात्रियों को घबराहट में डाल दिया, जिनमें उधल कुमार और विजय कुमार जैसे यात्री भी शामिल थे। दोनों यात्री इस अफवाह को सुनकर दौड़ते हुए ट्रेन से कूद गए। इसके बाद, अन्य यात्री भी पैनिक में ट्रेन से कूदने लगे या आपातकालीन चेन खींचने लगे।

इस अफरातफरी के दौरान, कुछ यात्री रेलवे ट्रैक की ओर दौड़ पड़े, जहां उन्हें कर्नाटका एक्सप्रेस ने कुचल दिया। गवाहों के मुताबिक, यदि और अधिक यात्री ट्रैक की ओर भागते, तो यह हादसा और भी भयावह हो सकता था। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि कई शवों के शरीर के टुकड़े-टुकड़े हो गए थे, और बचाव कार्यकर्ताओं को शरीर के अंगों को एकत्रित करना पड़ा।

हादसे के बाद

इस हादसे में अब तक 13 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 10 लोग गंभीर रूप से घायल हैं। मृतकों में से कई शव बुरी तरह क्षत-विक्षत हो गए थे। स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने शवों की पहचान करने का कार्य किया। मारे गए यात्रियों में से चार नेपाली थे। रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मृतकों के परिजनों को ₹1.5 लाख की मदद की घोषणा की, जबकि गंभीर रूप से घायल यात्रियों को ₹50,000 और मामूली रूप से घायल लोगों को ₹5,000 का मुआवजा दिया गया। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी मृतकों के परिवारों के लिए ₹5 लाख की सहायता राशि का ऐलान किया है।

आग की अफवाह: एक घातक गलतफहमी

हादसे के पीछे की असल वजह ट्रेन में एक तकनीकी समस्या हो सकती है, जैसे ब्रेक जाम होना या एक्सल का गर्म होना, जिससे चिंगारी निकलने लगी थी। इसी चिंगारी के कारण कुछ यात्रियों को ऐसा लगा कि आग लग गई है। यह अफवाह तेजी से ट्रेन में फैल गई, और इस अफरातफरी के कारण कई लोग ट्रेन से कूद पड़े। गवाहों का कहना है कि लोग “आग लग गई” चिल्लाते हुए ट्रेन से कूदने लगे। दुर्भाग्यवश, इस अफवाह ने पूरे घटनाक्रम को और भी भयंकर बना दिया।

जो यात्री ट्रैक पर कूदे थे, वे सुरक्षित जगह तक पहुंचने से पहले ही कर्नाटका एक्सप्रेस की चपेट में आ गए। जीवित बचे हुए यात्रियों ने बताया कि स्थिति कुछ ही पलों में एक भयंकर तबाही में बदल गई थी।

इस हादसे का विश्लेषण

यह हादसा इस बात का उदाहरण है कि कैसे एक अफवाह और पैनिक की स्थिति से एक साधारण दुर्घटना बड़ी त्रासदी में बदल सकती है। यह सवाल खड़ा करता है कि आपातकालीन स्थिति में यात्री को सही जानकारी कैसे दी जाए और कैसे अफवाहों का प्रसार रोका जाए। हालांकि पुष्पक एक्सप्रेस में तकनीकी दोष एक कारक था, लेकिन अफवाह ने स्थिति को और बढ़ा दिया।

यह भी दिखाता है कि जब यात्री बिना पूरी जानकारी के डर और घबराहट के कारण गलत निर्णय लेते हैं, तो इससे जानी नुकसान हो सकता है। इसलिए, यह जरूरी है कि यात्रियों को ऐसी स्थिति में त्वरित और सटीक जानकारी दी जाए, ताकि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।