अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के नए फैसले ने गर्भवती महिलाओं को चिंता में डाल दिया है। जन्म के आधार पर नागरिकता के नियमों को लेकर ट्रम्प के इस फैसले के बाद अमेरिकी अस्पतालों में समय से पहले डिलीवरी कराने की इच्छुक महिलाओं की संख्या बढ़ गई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कई महिलाएं 20 जनवरी से पहले बच्चे को जन्म देने की कोशिश कर रही थी। वहीं, इस फैसले का अमेरिका के विभिन्न वर्गों में विरोध हो रहा है।
अमेरिकी डॉक्टरों के अनुसार, समय से पहले डिलीवरी कराने की मांग में भारी इजाफा हुआ है। इनमें ज्यादातर महिलाएं गर्भावस्था के आठवें या नौवें महीने में हैं। इन सभी का उद्देश्य 20 जनवरी से पहले सी-सेक्शन के जरिए बच्चे को जन्म देना था। चौंकाने वाली बात यह है कि कई महिलाओं की डिलीवरी में अभी महीनों का समय बाकी है।
डॉक्टरों ने इस पर चिंता जताते हुए कहा कि, “हम जोड़ों को समझाने की कोशिश कर रहे थे कि प्री-टर्म डिलीवरी मां और बच्चे दोनों के लिए बड़ा खतरा है। इसके जटिल परिणाम हो सकते हैं, जैसे अविकसित फेफड़े, कम वजन, न्यूरोलॉजिकल समस्याएं आदि।”
मार्च में डिलीवरी की तैयारी कर रही एक महिला ने कहा, “हम पिछले 6 वर्षों से ग्रीन कार्ड का इंतजार कर रहे हैं। हमारे परिवार की स्थिरता के लिए यह एकमात्र तरीका है। हम अनिश्चितताओं से डरे हुए हैं।”
डेमोक्रेटिक पार्टी के नेतृत्व वाले 22 राज्यों और कई सिविल राइट्स समूहों ने ट्रम्प के इस आदेश को कोर्ट में चुनौती दी है। मंगलवार को डेमोक्रेटिक राज्यों और डिस्ट्रिक्ट ऑफ कोलंबिया ने बोस्टन की फेडरल कोर्ट में पहला केस दाखिल किया। इस मामले में कहा गया है कि यह आदेश अमेरिका के संविधान का उल्लंघन करता है। इसके बाद अमेरिकन सिविल लिबर्टीज यूनियन और अन्य प्रवासी संगठनों ने भी कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
क्या है ट्रम्प का नया आदेश?
ट्रम्प के इस आदेश के अनुसार, अगर किसी बच्चे को जन्म के आधार पर अमेरिकी नागरिकता चाहिए, तो उसके माता-पिता में से एक का अमेरिकी नागरिक होना अनिवार्य है। इसके अलावा, किसी एक के पास ग्रीन कार्ड होना चाहिए या फिर वह अमेरिकी सेना में होना चाहिए।
अमेरिका में बढ़ता तनाव
यह फैसला अमेरिका में न सिर्फ प्रवासियों बल्कि उन लोगों के लिए भी चिंता का विषय बन गया है, जो लंबे समय से ग्रीन कार्ड या नागरिकता के लिए इंतजार कर रहे हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि कोर्ट इस मामले में क्या निर्णय लेती है और इससे प्रभावित परिवारों का भविष्य क्या होगा।
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