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Tuesday, January 14   12:36:49

विश्वामित्री में बाढ़ की समस्या का हल: चेकडैम और गहरे तालाबों से जलभराव रोकने की तैयारी

वडोदरा में हाल ही में आए विनाशकारी बाढ़ के बाद प्रशासन ने जागरूक होकर अपनी योजनाओं पर काम शुरू कर दिया है। सरकार द्वारा नियुक्त विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट के बाद विश्वामित्री नदी की सफाई और गहराई बढ़ाने सहित कई योजनाएं बनाई गईं। इसके तहत नगर निगम ने सर्वे किया, जिसमें यह पाया गया कि आजवा सरोवर, पावागढ़ और हलोल का पानी एक साथ विश्वामित्री नदी में गिरता है। इस समस्या से निपटने के लिए चेकडैम, बरसाती नालों और छोटे तालाबों की गहराई बढ़ाने की योजना बनाई जा रही है।

पावागढ़ से वडोदरा तक सर्वे शु

रूराज्य सरकार द्वारा विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों के बाद विश्वामित्री परियोजना के तहत पावागढ़ से वडोदरा तक नदी के बहाव क्षेत्र का सर्वे नगर निगम ने शुरू किया। इस सर्वे में यह सामने आया कि आजवा सरोवर, पावागढ़ और हलोल का पानी तेजी से विश्वामित्री में गिरता है, जिससे शहर में जलभराव की स्थिति बनती है। इसे रोकने के लिए चेकडैम बनाने और जल प्रवाह को नियंत्रित करने की जरूरत बताई गई है।

धनसरवा और गुनताल गांवों के तालाबों को गहरा किया जाएगा

पावागढ़ से वडोदरा के बीच धनसरवा और गुनताल जैसे गांवों में मौजूद तालाबों को गहरा करने की योजना बनाई गई है, ताकि भारी बारिश के दौरान पानी का बड़ा हिस्सा रोका जा सके।

विश्वामित्री और सूर्य नदी के चेकडैम खराब हालत में

नगर आयुक्त दिलीप राणा और कार्यपालक इंजीनियर धार्मिक दवे ने पावागढ़ से वडोदरा के बीच विश्वामित्री और आजवा क्षेत्र का सर्वे किया। इसमें पाया गया कि विश्वामित्री नदी पर बने 14 और सूर्य नदी पर बने 9 चेकडैम खराब स्थिति में हैं।

तेजी से पानी का आना और धीमा बहाव बड़ी समस्या

सर्वे में यह भी सामने आया कि पावागढ़ से देणा तक नदी का ढलान प्रति किलोमीटर 2 मीटर है, जबकि देणा से मारेठा तक यह प्रति किलोमीटर 40 मीटर है। इसके बाद मारेठा से खंभात की खाड़ी तक ढलान प्रति किलोमीटर सिर्फ 0.10 मीटर है। इसी कारण बारिश का पानी तेजी से शहर में प्रवेश करता है, लेकिन उसका निकास धीमी गति से होता है।

प्रशासन ने इन समस्याओं के समाधान के लिए चेकडैम निर्माण, जलभराव रोकने के लिए नालों की सफाई और जल प्रवाह को नियंत्रित करने की दिशा में कदम उठाने की तैयारी शुरू कर दी है।