कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के इस्तीफे के बाद सत्तारूढ़ लिबरल पार्टी नए नेता की तलाश में है। इस दौड़ में भारतीय मूल की सांसद अनीता आनंद का नाम प्रमुखता से उभर रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पार्टी इस साल होने वाले संसदीय चुनावों से पहले नए प्रधानमंत्री का चयन कर सकती है। आज पार्टी के नेशनल कॉकस की बैठक भी होने वाली है, जिसमें इस पर चर्चा होने की संभावना है।
अनीता आनंद: प्रधानमंत्री पद की प्रबल दावेदार
माना जा रहा है कि लिबरल पार्टी अनीता आनंद के नाम पर सहमति बना सकती है। अगर ऐसा हुआ, तो अनीता कनाडा की पहली अश्वेत महिला प्रधानमंत्री बनेंगी। जब तक पार्टी किसी नए नेता का चयन नहीं कर लेती, जस्टिन ट्रूडो अपने पद पर बने रहेंगे।
राजनीतिक सफर
अनीता आनंद 2019 से कनाडाई संसद की सदस्य हैं और लिबरल पार्टी की वरिष्ठ नेता मानी जाती हैं। उन्होंने जस्टिन ट्रूडो सरकार में कई अहम मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाली है, जिनमें सार्वजनिक सेवा और खरीद मंत्रालय, राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय, और ट्रेजरी बोर्ड के अध्यक्ष का पद शामिल है। 2024 से वह ट्रांसपोर्ट और इंटरनल ट्रेड मंत्री के तौर पर कार्यरत हैं।
जस्टिन ट्रूडो का इस्तीफा
प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने 6 जनवरी को पार्टी के अंदर बढ़ते दबाव के चलते अपने पद से इस्तीफा दे दिया। वे 2015 में प्रधानमंत्री बने थे और उनका कार्यकाल अक्टूबर 2024 तक था।
अनीता आनंद का परिचय
57 वर्षीय अनीता आनंद पेशे से वकील हैं। उनका जन्म नोवा स्कोटिया के एक ग्रामीण क्षेत्र में हुआ था। उनके पिता तमिलनाडु और मां पंजाब से हैं। उन्होंने अपनी शिक्षा के लिए कई प्रतिष्ठित संस्थानों में अध्ययन किया है, जिनमें क्वीन्स यूनिवर्सिटी, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी, डलहौजी यूनिवर्सिटी और टोरंटो यूनिवर्सिटी शामिल हैं।
शिक्षा और पेशेवर उपलब्धियां
अनीता ने पॉलिटिकल साइंस, न्यायशास्त्र और कानून में डिग्रियां हासिल की हैं। वे टोरंटो यूनिवर्सिटी की एसोसिएट डीन भी रह चुकी हैं। उनके पति जॉन नोल्टन कनाडा के एक वकील और बिजनेस एग्जीक्यूटिव हैं। अनीता और जॉन के चार बच्चे हैं।
लैंगिक समानता और सामाजिक सुधार
अनीता लैंगिक समानता की प्रबल समर्थक हैं और LGBTQIA+ समुदाय के अधिकारों के पक्ष में खड़ी रही हैं। उन्होंने कनाडाई रक्षा बलों में यौन उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाई और वहां सांस्कृतिक सुधार लाने के लिए कदम उठाए।
कनाडा में महिलाओं की राजनीति में भागीदारी
कनाडा में अब तक केवल एक महिला, किम कैंपबेल, 1993 में प्रधानमंत्री बनी थीं। अगर अनीता आनंद प्रधानमंत्री बनती हैं, तो वह इस पद तक पहुंचने वाली दूसरी महिला और भारतीय मूल की पहली महिला होंगी।
कनाडा की राजनीति में यह बदलाव ऐतिहासिक हो सकता है, और सभी की नजरें लिबरल पार्टी के अगले कदम पर टिकी हैं।
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