इस्कॉन मंदिर विवाद: पिता ने लगाया गंभीर आरोप, बेटी को अदालत में पेश करने का आदेश
गुजरात हाईकोर्ट में एक सेवानिवृत्त आर्मी जवान ने अपनी लापता बेटी को लेकर गंभीर आरोप लगाते हुए याचिका दायर की है। उनका दावा है कि उनकी बेटी पिछले छह महीनों से लापता है और अहमदाबाद स्थित प्रसिद्ध इस्कॉन मंदिर के पुजारियों के प्रभाव में है। याचिका में बेटी की जान को खतरा बताते हुए आरोप लगाया गया है कि उसे मंदिर में ड्रग्स और गांजा दिया जा रहा है।
गुजरात हाईकोर्ट ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार, अहमदाबाद पुलिस कमिश्नर और संबंधित पुलिस थाने को युवती को 9 जनवरी तक अदालत में पेश करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही, इस्कॉन मंदिर से जुड़े कई व्यक्तियों को भी नोटिस जारी किए गए हैं।
क्या हैं पिता के आरोप?
याचिकाकर्ता के अनुसार, उनकी बेटी नियमित रूप से इस्कॉन मंदिर में पूजा और दर्शन के लिए जाती थी। इस दौरान वह मंदिर के पुजारियों के संपर्क में आई। याचिकाकर्ता ने दावा किया कि पुजारियों ने उनकी बेटी का ब्रेनवॉश किया और उसे अपने प्रभाव में ले लिया।
27 जून 2024 को उनकी बेटी घर से 23 तोला सोना और 3.62 लाख रुपये नकद लेकर मंदिर के एक पुजारी के साथ भाग गई। पिता का कहना है कि उनकी बेटी अब भी मंदिर के पुजारियों की अवैध हिरासत में है, जहां उसे नियमित रूप से ड्रग्स और गांजा दिया जा रहा है।
याचिकाकर्ता ने बताया कि उन्होंने मेघानीनगर और सोला पुलिस थाने से लेकर अहमदाबाद पुलिस कमिश्नर तक सभी संबंधित अधिकारियों से संपर्क किया। लेकिन, छह महीनों के बाद भी उनकी बेटी का कोई सुराग नहीं मिला है।
पिता ने यह भी आरोप लगाया कि इस्कॉन मंदिर के एक पुजारी ने उनकी बेटी की शादी अपने शिष्य से करवाने की कोशिश की। जब उन्होंने इसका विरोध किया, तो उन्हें धमकियां दी गईं। बाद में उनकी बेटी को कथित रूप से मथुरा के एक शिष्य के साथ भगा दिया गया।
पिता का कहना है कि इस्कॉन मंदिर में युवतियों का ब्रेनवॉश किया जाता है और उन्हें यह विश्वास दिलाया जाता है कि मंदिर के गुरु माता-पिता से भी अधिक महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि मंदिर में मौजूद पुजारी खुद को कृष्ण का स्वरूप बताते हैं और वहां रहने वाली 600 युवतियों को “गोपियां” मानने के लिए मजबूर किया जाता है।
अदालत का आदेश और अगली सुनवाई
गुजरात हाईकोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार और अहमदाबाद पुलिस को युवती को सुरक्षित अदालत में पेश करने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 9 जनवरी को होगी।
यह मामला धर्म, विश्वास और परिवार के संबंधों को लेकर कई गंभीर सवाल उठाता है। अदालत के हस्तक्षेप से उम्मीद की जा रही है कि इस विवाद का समाधान जल्द ही होगा और युवती को सुरक्षित रूप से उसके परिवार तक पहुंचाया जाएगा।
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