नई दिल्ली: लोकसभा में संविधान पर चल रही चर्चा के दौरान शनिवार को राहुल गांधी ने भाजपा सरकार पर जोरदार हमला किया। उन्होंने कहा कि सरकार युवाओं और किसानों का हक मार रही है, और उदाहरण देने के लिए उन्होंने एकलव्य और द्रोणाचार्य की कहानी का हवाला दिया। राहुल ने भाजपा पर आरोप लगाया कि जैसे द्रोणाचार्य ने एकलव्य का अंगूठा काटकर उसका हुनर छीन लिया था, वैसे ही भाजपा सरकार युवाओं का हक छीनकर उन्हें अपने फायदे के लिए इस्तेमाल कर रही है।
सावरकर पर राहुल का हमला
राहुल गांधी ने भाजपा और सावरकर को निशाना बनाते हुए कहा, “सावरकर ने कहा था कि भारत के संविधान में कुछ भी भारतीय नहीं है। वे मनु स्मृति की बात करते थे। भाजपा क्या सावरकर के शब्दों को सही मानती है?” राहुल ने आरोप लगाया कि भाजपा संविधान की बात करती है, लेकिन सावरकर जैसे नेताओं के विचारों को लागू करती है, जो भारतीय समाज की मूल भावना से मेल नहीं खाते।
उत्तर प्रदेश में मनु स्मृति का प्रभाव?
राहुल ने यूपी के हाथरस मामले को लेकर भी सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा, “उत्तर प्रदेश में रेप पीड़िता का परिवार घर में बंद रहता है, जबकि अपराधी खुलेआम घूमते हैं। पीड़ित परिवार को धमकाया जाता है।” उनका कहना था कि भाजपा सरकार का असल एजेंडा मनु स्मृति के विचारों को लागू करना है, ना कि भारतीय संविधान की रक्षा करना।
50% आरक्षण और जातिगत जनगणना का मुद्दा
राहुल गांधी ने 50% आरक्षण और जातिगत जनगणना का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा, “हमने वादा किया था कि हम इस संसद में जातिगत जनगणना को लागू करेंगे और 50% आरक्षण की दीवार को तोड़ेंगे। यह हमारी प्रतिबद्धता है, और हम इसे पूरा करेंगे।”
अनुराग ठाकुर का जवाब
राहुल गांधी की स्पीच के बाद युवा मामलों के मंत्री अनुराग ठाकुर ने जोरदार जवाब दिया। उन्होंने कहा, “राहुल गांधी अंगूठा काटने की बात कर रहे हैं, लेकिन आपकी सरकार में तो सिखों के गले काटे गए। आपको इस देश से माफी मांगनी चाहिए।” यह बयान एक नई बहस का कारण बन गया, और राजनीतिक माहौल में और तनाव पैदा कर दिया।
प्रधानमंत्री मोदी की स्पीच का इंतजार
राहुल गांधी की स्पीच के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्पीच का सभी को बेसब्री से इंतजार है। पीएम मोदी संविधान पर सभी नेताओं के विचारों का जवाब देंगे। उनकी स्पीच आज शाम 5:30 बजे होगी, जो पूरे देश में चर्चा का विषय बनेगी।
राहुल गांधी के आरोप निश्चित रूप से भाजपा सरकार के लिए एक चुनौती बन सकता हैं, क्योंकि उन्होंने सीधे तौर पर सरकार की नीतियों और सिद्धांतों पर सवाल उठाए हैं। खासतौर पर युवाओं और किसानों के प्रति भाजपा का रवैया और सावरकर जैसे विवादित विचारकों का समर्थन करना, यह सब मिलकर एक गहरी छवि बनाता है। सरकार को इस तरह के आरोपों का सटीक और स्पष्ट जवाब देना होगा, ताकि जनता को यह समझ में आए कि सरकार उनके हितों के लिए काम कर रही है या नहीं।
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