अमेठी और रायबरेली के बीच लगभग 60 किलोमीटर की दूरी है, लेकिन हाल ही में एक त्रासदी ने इन दोनों शहरों को सुर्खियों में ला दिया। यह कहानी है प्यार, हवस और बदले की आग में झुलसे एक परिवार की, जिसका अंत एक दिल दहला देने वाले कांड में हुआ।
प्रेम और बदले का जाल
यह कहानी नवरात्रि के पहले दिन, 3 अक्टूबर 2024, शाम के सात बजे की है जब अमेठी के भवानी मंदिर में आरती चल रही थी। उसी दौरान रायबरेली से एक व्यक्ति, चंदन वर्मा, अमेठी के शिवरतन गंज में अपने बुलेट मोटरसाइकिल पर पहुंचा। उसने केदार वर्मा के बेटे दीपक को बाहर बुलाया, और उसे यह कहकर आश्वस्त किया कि वह बाद में मिलने आएगा। दीपक भी मंदिर में आरती में शामिल होने चला गया। पंद्रह मिनट बाद, मंदिर के पास स्थित दुकानें अचानक बंद होने लगीं। वहां खड़ी बुलेट बाइक अब गायब थी, लेकिन इसके साथ एक परिवार की जिंदगी भी लूट चुकी थी।
कुछ ही समय बाद लोगों ने एक आवासीय इमारत में खून से सना हुआ दृश्य देखा। घर के आंगन में, सुनील रामगोपाल भारती और उनकी पत्नी पूनम के खून से लथपथ शरीर पड़े थे। इससे भी भयावह यह था कि कुछ ही दूरी पर उनकी पांच वर्षीय बेटी माविया और डेढ़ वर्षीय बेटी लाडो भी घायल अवस्था में थीं। किसी ने पुलिस को सूचित किया, और उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन सभी को मृत घोषित कर दिया।
पुलिस की जांच में पाया गया कि सुनील भारती अपने परिवार का इकलौता कमाने वाला सदस्य था। अपने परिवार की जिम्मेदारी समझते हुए, सुनील ने मेहनत की और पुलिस में कांस्टेबल के पद पर 2022 में नियुक्ति पाई। लेकिन, सुनील को इस नौकरी में सुकून नहीं मिला। सालभर बाद, जब उन्हें एक शिक्षक की नौकरी मिली, तो उन्होंने पुलिस की नौकरी छोड़ दी। इस दौरान किसी तरह का व्यक्तिगत झगड़ा या प्रेम संबंध का पहलू उनके जीवन में शामिल हो गया था, जिसने इस खूनी हादसे का रूप लिया।
घटना के बाद, पुलिस ने गवाहों से पूछताछ की। केदार वर्मा के बेटे दीपक ने बताया कि चंदन वर्मा, रायबरेली से बुलेट लेकर आया था और पंद्रह मिनट बाद गायब हो गया। एसपी ने तत्काल चंदन को गिरफ्तार करने का आदेश दिया। घटना के पीछे की सच्चाई जांच में धीरे-धीरे सामने आ रही है, जिसमें यह प्रतीत होता है कि यह प्रेम, आक्रोश और प्रतिशोध का परिणाम था।
इस कहानी के पीछे का सच तब सामने आया जब पुलिस ने जांच की। सुनील भारती मेहनती इंसान थे जो पहले उत्तर प्रदेश पुलिस में कांस्टेबल थे और बाद में शिक्षक बने। उनकी पत्नी पूनम का चंदन वर्मा के साथ प्रेम संबंध था, जो धीरे-धीरे जुनून और अपराध का कारण बना। यह प्रेम संबंध तब शुरू हुआ जब पूनम ने अस्पताल में अपने नवजात बेटे को खो दिया था और चंदन ने भावनात्मक सहारा दिया।
प्रेम से बदले की आग तक
चंदन का प्रेम जुनून बन गया था। वह पूनम से शादी करना चाहता था, लेकिन जब पूनम ने उससे किनारा कर लिया, तो चंदन ने बदला लेने का मन बना लिया। चंदन ने खुलेआम धमकियां दीं, लेकिन पुलिस ने समय पर कार्रवाई नहीं की। पूनम और सुनील ने अपनी सुरक्षा के लिए पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई, लेकिन पुलिस की लापरवाही के कारण यह जघन्य हत्या हुई।
पुलिस ने कई आरोपियों को गिरफ्तार किया और आखिरकार चंदन को भी पकड़ लिया। गिरफ्तारी के समय चंदन ने पुलिस पर हमला करने की कोशिश की लेकिन घायल हो गया और गिरफ्त में आ गया। चंदन ने स्वीकार किया कि उसने आत्महत्या की योजना बनाई थी, लेकिन हिम्मत नहीं जुटा पाया।
इस जघन्य अपराध के बाद सुनील के परिवार को राज्य सरकार ने आर्थिक मदद दी, लेकिन इस घटना ने राज्य की कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए। सुनील का परिवार सरकारी सहायता प्राप्त कर सकता है, लेकिन इस बर्बादी का दर्द जीवनभर उनके साथ रहेगा।
यह कहानी समाज में वासना, विश्वासघात और कानून-व्यवस्था की कमजोरियों पर सवाल खड़े करती है।
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