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महादेव बेटिंग ऐप के मालिक सौरभ चंद्राकर की दुबई में गिरफ्तारी: क्या खुलेंगे सट्टेबाजी के बड़े राज़?

महादेव बेटिंग ऐप क्या है?

महादेव ऑनलाइन बेटिंग ऐप, जिसे ‘महादेव बुक’ भी कहा जाता है, एक विवादित प्लेटफॉर्म है जो उपयोगकर्ताओं को ऑनलाइन सट्टेबाजी की सुविधा प्रदान करता है। इस ऐप पर यूजर विभिन्न खेलों जैसे क्रिकेट, बैडमिंटन, टेनिस, और फुटबॉल के साथ-साथ कार्ड गेम्स और चांस गेम्स पर दांव लगाते थे। यह ऐप न केवल खेलों में, बल्कि चुनावों तक में अवैध सट्टेबाजी करने के लिए मशहूर हो गया। यह दावा किया जाता है कि महादेव ऐप ने लाखों लोगों को धोखाधड़ी का शिकार बनाया है, जिसके चलते इसके मालिक सौरभ चंद्राकर की गतिविधियों की जांच शुरू की गई।

सौरभ चंद्राकर का मामला

भारतीय एजेंसियों को महादेव बेटिंग ऐप केस में बड़ी सफलता मिली है। हाल ही में, इंटरपोल ने महादेव ऐप के मास्टरमाइंड और मालिक सौरभ चंद्राकर को दुबई में हिरासत में ले लिया। अब भारत लाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। सूत्रों के मुताबिक, प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम जल्द ही चंद्राकर को भारत वापस लाने की योजना बना रही है।

चंद्राकर पर आरोप है कि उसने अपने ऐप के जरिए लाखों लोगों से अरबों रुपये की ठगी की है। इसके अलावा, उनके डी कंपनी (दाऊद इब्राहिम) से भी संबंध होने की चर्चा है, जो इस मामले को और भी गंभीर बना देती है।

कानूनी कार्रवाई और सरकारी पहल

महादेव ऐप के खिलाफ कई राज्यों में मामले दर्ज हैं, और केंद्र सरकार ने नवंबर 2023 में इस ऐप समेत 22 अन्य अवैध सट्टेबाजी ऐप्स को ब्लॉक करने का आदेश दिया था। ईडी ने इस मामले में रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था, और इंटरपोल ने सीबीआई को सूचित किया है। ये सारे कदम इस बात की ओर इशारा करते हैं कि सरकार इस अवैध सट्टेबाजी के नेटवर्क को खत्म करने के लिए गंभीर है।

इससे पहले, एक कैश कूरियर के ईमेल से खुलासा हुआ था कि छत्तीसगढ़ के तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने यूएई में स्थित ऐप प्रमोटरों से 508 करोड़ रुपये लिए थे, हालाँकि उन्होंने इन आरोपों को खारिज किया है।

सट्टेबाजी का बढ़ता जाल

महादेव ऐप का जाल मुख्य रूप से छत्तीसगढ़ में फैला हुआ है। इस ऐप की कार्यप्रणाली कुछ इस तरह थी कि शुरुआत में उपयोगकर्ताओं को लाभ दिखाई देता था, लेकिन बाद में वे भारी नुकसान का सामना करते थे। इससे स्पष्ट होता है कि यह एक सुनियोजित धोखाधड़ी का खाका था।

इस मामले ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया है कि ऑनलाइन सट्टेबाजी न केवल एक गंभीर सामाजिक मुद्दा है, बल्कि यह हमारे युवाओं और समाज के लिए एक खतरा बनता जा रहा है। सरकार को चाहिए कि वह सट्टेबाजी के खिलाफ कड़े कदम उठाए और जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को इसके नुकसान से अवगत कराए।

महादेव बेटिंग ऐप के मालिक सौरभ चंद्राकर की हिरासत एक महत्वपूर्ण कदम है, लेकिन इस मामले में कई राज़ और खुलासे अभी बाकी हैं। जब वह भारत लौटेंगे, तो संभवतः हम इस बड़े सट्टेबाजी नेटवर्क के बारे में और जान पाएंगे। यह घटना इस बात की पुष्टि करती है कि हमें ऐसे अवैध गतिविधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की आवश्यकता है।