दिवाली और छठ पूजा का त्योहार नजदीक है, और इस बार सूरत से लगभग 2.5 लाख यात्रियों के अपने गांव लौटने की उम्मीद है। इस विशाल संख्या को ध्यान में रखते हुए, भारतीय रेलवे ने यात्रियों की सुविधा के लिए विशेष ट्रेनें चलाने की योजना बनाई है। सूरत, उधना, वापी और वलसाड जैसे शहरों से यात्रियों की मांग को पूरा करने के लिए 14 जोड़ी विशेष ट्रेनों का संचालन किया जाएगा।
विशेष ट्रेनों की बौछार
पश्चिम रेलवे ने त्योहारी सीजन के लिए 106 विशेष ट्रेनों के साथ 2315 फेरे चलाने की घोषणा की है। इनमें से कई ट्रेनें यूपी, बिहार, राजस्थान, हरियाणा, बंगाल, ओडिशा और झारखंड जैसे राज्यों के लिए निर्धारित की गई हैं। राजस्थान के लिए 7 स्पेशल ट्रेनें भी मंजूर की गई हैं, जिनमें से तीन का शेड्यूल पहले ही जारी किया जा चुका है।
ट्रेनें जो कनेक्ट करेंगी दूरियों को
सुरक्षा और यात्रा की सुविधा को देखते हुए, रेलवे ने विभिन्न राज्यों के लिए अनारक्षित ट्रेनें चलाने का निर्णय लिया है। विशेष रूप से, उधना से लगभग एक दर्जन अनारक्षित ट्रेनें चलाई जाएंगी, जिसका विवरण अगले हफ्ते साझा किया जाएगा। पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी विनीत अभिषेक के अनुसार, इस साल की तैयारी को देखकर स्पष्ट है कि त्योहारों के दौरान यात्रा की मांग कितनी बढ़ गई है।
ट्रेन संख्या 09656 वलसाड-अजमेर स्पेशल और 04806 ओखा-भगत की कोठी स्पेशल
वलसाड-अजमेर स्पेशल ट्रेन 10 अक्टूबर से 14 नवंबर तक हर गुरुवार को चलेगी, और यह यात्रियों को एक सुविधाजनक सफर प्रदान करेगी। इसी प्रकार, ओखा-भगत की कोठी स्पेशल ट्रेन भी इस दौरान विशेष सेवाएं देगी, जिससे यात्रियों को यात्रा के दौरान कोई कठिनाई न हो।
संख्याओं की गूंज और यात्रा की खुशी
दूरदराज के गांवों में अपने प्रियजनों के साथ त्योहार मनाने के लिए यात्रा करना हर किसी की ख्वाहिश होती है। इस साल, रेलवे द्वारा चलाई जा रही 6556 विशेष ट्रेनों में से 106 पश्चिम रेलवे द्वारा चलायी जा रही हैं, जो कि एक अद्वितीय प्रयास है।
दिवाली और छठ के अवसर पर यात्रा करने वाले सभी यात्रियों के लिए यह अवसर खुशी और उमंग का है। रेलवे का यह प्रयास न केवल यात्रा को सरल बनाता है, बल्कि त्योहारों की खुशी को भी दोगुना करता है। उम्मीद है कि सभी यात्री सुरक्षित और सुखद यात्रा का अनुभव करेंगे।
More Stories
मोहाली में गिरी बहुमंजिला इमारत, 15 से ज्यादा लोगों के दबे होने की आशंका , बचाव कार्य जारी
43 साल बाद क्यों कुवैत दौरे पर गए प्रधानमंत्री मोदी?
दिल्ली चुनाव से पहले AAP को बड़ा झटका, LG ने केजरीवाल के साथ खेला खेल