World Mentle Health Day: हर साल 10 अक्टूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के रूप में मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य मानसिक स्वास्थ्य के महत्व पर जागरूकता बढ़ाना और इस विषय पर समाज में खुले संवाद को बढ़ावा देना है। आज के दौर में, जब तकनीक और कार्य की गति तेजी से बढ़ रही है, लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। खासकर कामकाजी लोगों में तनाव, चिंता और अवसाद जैसी समस्याओं में बढ़ोतरी देखी जा रही है।
बढ़ते कार्यभार से मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव
पिछले कुछ सालों में अत्यधिक काम के बोझ, अनियमित कार्य शेड्यूल, और नौकरी के बढ़ते दबाव के कारण मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं तेजी से बढ़ी हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, कामकाजी जीवन में मानसिक स्वास्थ्य एक प्रमुख मुद्दा बन गया है और इसे प्राथमिकता के रूप में देखा जा रहा है। विशेषज्ञ बताते हैं कि 15% नौकरीपेशा लोग किसी न किसी रूप में मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना कर रहे हैं।
विशेषज्ञों के मुताबिक, लंबे समय तक काम करना, बार-बार रात की पाली में काम करना और छुट्टियों में भी काम करना जैसे कारक व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं। इन कारणों से मानसिक थकान और तनाव बढ़ जाता है, जो धीरे-धीरे चिंता और अवसाद जैसी समस्याओं में बदल सकता है।
गुजरात में मानसिक स्वास्थ्य की स्थिति
गुजरात में, प्रत्येक 1000 लोगों में से 3-4 लोग गंभीर मानसिक बीमारियों से पीड़ित हैं, जबकि 20-25 लोग मानसिक तनाव और अन्य मानसिक समस्याओं से जूझ रहे हैं। गुजरात में बढ़ते मानसिक तनाव का मुख्य कारण लगातार बढ़ता काम का दबाव और असंतुलित जीवनशैली है। अहमदाबाद के सरकारी मानसिक अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अजय चौहान के अनुसार, यह समस्या तेजी से बढ़ रही है और इसके प्रति जागरूकता बढ़ाने की सख्त जरूरत है।
मानसिक तनाव के मुख्य कारण
मनोचिकित्सकों का मानना है कि वर्तमान समय में, कुछ स्थितियां मानसिक स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रही हैं। इनमें मुख्य रूप से निम्नलिखित कारण शामिल हैं:
- लंबे कार्य घंटे: लगातार लंबे समय तक काम करने से मानसिक थकान बढ़ती है, जिससे व्यक्ति में अवसाद और चिंता का स्तर बढ़ सकता है।
- रात की पाली में काम करना: जो लोग बार-बार रात की पाली में काम करते हैं, वे सामान्य शारीरिक और मानसिक दिनचर्या से दूर हो जाते हैं, जिससे उनका मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित होता है।
- छुट्टियों में काम करना: लगातार काम और बिना किसी आराम के काम करना भी मानसिक तनाव का मुख्य कारण हो सकता है।
मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता जरूरी
विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस का उद्देश्य मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाना और इस दिशा में कार्रवाई करना है। हमें यह समझने की जरूरत है कि मानसिक स्वास्थ्य उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि शारीरिक स्वास्थ्य। मानसिक स्वास्थ्य को अनदेखा करना भविष्य में बड़ी समस्याओं को जन्म दे सकता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को सुलझाने के लिए कार्यस्थल पर एक सकारात्मक वातावरण बनाने, काम के घंटे संतुलित करने, और तनाव को कम करने के उपाय किए जाने चाहिए।
इस दिन, हम सभी को अपने मानसिक स्वास्थ्य के प्रति सजग रहने और दूसरों की मदद करने की कोशिश करनी चाहिए। मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रखना केवल व्यक्तिगत नहीं, बल्कि सामूहिक जिम्मेदारी है।
More Stories
सूरत में खुला फर्जी अस्पताल का काला धंधा: बिना डिग्री के डॉक्टरों का खेल, प्रशासन की लापरवाही पर सवाल!
UP में 3 दिन तक फ्री दिखाई जाएगी ‘The Sabarmati Report’, जानें CM योगी ने फिल्म देखकर क्या कहा-
पाकिस्तान की शर्मनाक करतूत: शहीद सैनिकों के शव गधे पर लादकर ले जाने का वीडियो हुआ वायरल!