गुजरात के वडोदरा में बार-बार आने वाली बाढ़ और जल भराव पर सिस्टमिक निवारण के लिए फिर एक बार चर्चा सत्र का आयोजन किया गया।
वडोदरा के मध्य से गुजरती विश्वामित्री नदी में उफान के चलते बार-बार शहर में बाढ़ आ जाती है और थोड़ी सी बारिश में ही शहर पानी पानी हो जाता है, जिसका जिम्मेदार विश्वामित्री नदी पर किए गए अतिक्रमण है। वडोदरा की ड्रेनेज सिस्टम भी हमेशा ही सवालों के घेरे में रही है, जिससे वड़ोदरा में भारी जल भराव होता है। इन सभी समस्याओं के निवारण के लिए वडोदरा के वाणिज्य भवन में MS यूनिवर्सिटी की फैकल्टी आफ टेक्नोलॉजी एंड इंजीनियरिंग के स्टूडेंट क्लब द्वारा दूसरी बार चर्चा सत्र का आयोजन किया गया। जिसमें पैनलिस्ट के रूप में पर्यावरण विद रोहित प्रजापति,अर्बन प्लानर नेहा सरवटे, पूर्व सिटी इंजीनियर BS त्रापसिया, कम्युनिटी साइंस सेंटर के डायरेक्टर डॉक्टर जितेंद्र गवली, गुजरात इकोलॉजी सोसाइटी के कार्यकारी निदेशक डॉ जयेंद्र लखमापुरकर समेत के लोगों ने उपस्थित रहकर इस विषय पर अपने-अपने विचार को विस्तृत रूप से प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम के आयोजन में शिक्षक शास्त्री हितार्थ पंड्या,सिटीजन एक्टिविस्ट अनुप कोठीयाला, कुलभूषण गुप्ता की अहम भूमिका रही। कार्यक्रम का आशय वडोदरा के लोगों को बार-बार हो रही परेशानी से निजात दिलाने का रहा।
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