Kolkata Rape And Murder Incident 2024 : कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में प्रशिक्षु महिला डॉक्टर से कथित दुष्कर्म और हत्या के मामले में CBI ने कोलकाता पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। CBI के मुताबिक, कोलकाता पुलिस के अधिकारी अभिजीत मंडल ने आरोपी संजय रॉय को बचाने की कोशिश की और 31 वर्षीय महिला डॉक्टर के शव का जल्दबाजी में अंतिम संस्कार करा दिया।
ताला पुलिस स्टेशन के SHO अभिजीत मंडल को CBI ने शनिवार को आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के साथ गिरफ्तार किया था। इस बीच, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक बार फिर जूनियर डॉक्टरों को आज शाम 5:00 बजे अपने आवास पर बातचीत के लिए बुलाया है। हालांकि, यह अभी तक तय नहीं है कि डॉक्टर बैठक में शामिल होंगे या नहीं।
मंडल पर गंभीर आरोप
सीबीआई अधिकारियों ने आरोप लगाया है कि मंडल को 9 अगस्त को सुबह 10:03 बजे आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल से घटना की जानकारी मिली थी, लेकिन वह तुरंत मौके पर नहीं पहुंचे। SHO होते हुए भी मंडल वहां सुबह 11 बजे पहुंचे।
अधिकारियों ने यह भी आरोप लगाया है कि मंडल की जनरल डायरी प्रविष्टि में गलत जानकारी दर्ज की गई थी, जिसमें उल्लेख किया गया था कि डॉक्टर का शव चेस्ट मेडिसिन सेमिनार रूम में बेहोश पड़ा हुआ मिला था, जबकि सच्चाई यह थी कि डॉक्टरों ने पीड़िता को पहले ही मृत घोषित कर दिया था। सीबीआई को संदेह है कि मंडल ने अस्पताल के अधिकारियों और अन्य अज्ञात व्यक्तियों के साथ मिलकर जानबूझकर डायरी प्रविष्टियों में गलत तथ्य दर्ज किए।
जल्दबाजी में अंतिम संस्कार की अनुमति
सीबीआई ने आरोप लगाया है कि मंडल ने अपराध स्थल को सुरक्षित करने और उसे सील करने में विफलता दिखाई, जिससे अनधिकृत लोगों को वहां प्रवेश और सबूतों को नुकसान पहुंचाने की अनुमति मिल गई। जांच में पता चला कि कोलकाता पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने में 14 घंटे की देरी की थी।
मंडल पर नारकोटिक्स और साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट (बीएनएसएस) के प्रावधानों के तहत जरूरी प्रक्रियाओं जैसे कि क्राइम सीन की वीडियोग्राफी और सबूतों की सुरक्षित सीलिंग न करने का भी आरोप है। इसके अलावा, परिवार द्वारा दूसरे पोस्टमार्टम की मांग के बावजूद मंडल ने जल्दबाजी में अंतिम संस्कार की अनुमति दे दी।
साजिश का संदेह
सीबीआई की जांच में कोलकाता पुलिस द्वारा महत्वपूर्ण सबूतों को जब्त करने में हुई लापरवाही भी उजागर हुई है। मंडल को 10 अगस्त को अपराध में शामिल होने के बावजूद आरोपी संजय रॉय के कपड़े और सामान जब्त करने में दो दिनों की अनावश्यक देरी के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है। सीबीआई को संदेह है कि जांच की दिशा भटकाने के लिए अन्य संभावित आरोपियों के साथ साजिश रची गई थी।
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