भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। सवा सौ करोड़ से अधिक लोग देश की सरकार को चुनते हैं, और सरकार चुनने के बाद लोकसभा में अध्यक्ष पद का चयन होता है ।इस बार लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला चुने गए हैं।
लोकसभा चुनावों के बाद आज लोकसभा के अध्यक्ष के रूप में ओम बिरला को पूर्ण ध्वनिमत से चुना गया है।लोकसभा की परंपरा लगातार दूसरी बार कायम रही है। NDA ने ओम बिरला का नाम प्रस्तावित किया था,जिसे विपक्ष ने नहीं माना और के.सुरेश का नाम प्रस्तावित कर चुनाव की मांग की थी।लेकिन अंततः आज ओम बिरला को बिना किसी विवाद,वोटिंग के निर्विवाद चुन लिया गया है। प्रधानमंत्री मोदी और विपक्ष नेता राहुल गांधी ने उन्हें बधाई दी साथ ही राहुल गांधी ने पूर्ण सहयोग देने का भी वादा किया।
ओम बिरला 18वीं लोकसभा के 17वे निर्विवाद स्पीकर चुने गए हैं। वर्ष 2014 और 2019 में कोटा से चुनाव जीते थे।आजादी के बाद अब तक 16 लोकसभा स्पीकर सेवाए दे चुके हैं।ओम बिरला की तरह ही भारत के कुछ सांसद है जो दो बार निर्विरोध लोकसभा स्पीकर्स चुने गए है।वे है… जी एस ढिल्लों,एम ए आयंगर, बलराम झाखड़, जी एम बालयोगी, नीलम संजीव रेड्डी।आजाद भारत के प्रथम लोकसभा अध्यक्ष थे जी वी मावलंकर। लोकसभा में अब तक लोकसभा स्पीकर पद को सुशोभित करने वाली दो महिलाएं हैं मीरा कुमार और सुमित्रा महाजन।
ओम बिरला ने अपने कार्यकाल में कई उपलब्धियां हासिल की।धारा 370 खत्म, संसद के नए भवन में लोकसभा , 95% विषयों पर सांसदों को प्रति उत्तर प्राप्त,आउट रीच कार्यक्रम, विभूतियों के जन्मदिन पर बच्चों को लोकसभा में लाने की नई प्रथा, 1854 से 2023 तक लोकसभा के कार्यों का डिजिटाइजेशन, चुनाव का कानून संशोधन बिल 2021, नागरिकता संशोधन बिल, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता बिल 2023, भारतीय न्याय संहिता बिल 2023, भारतीय साक्ष्य विधायक और नारी शक्ति वंदना विधायक 2023 पारित हुए। नारी शक्ति वंदना विधेयक में 33% महिलाओं का आरक्षण निश्चित किया गया।
यूं ओम बिरला का सर्वसम्मति से चुना जाना उनकी उपलब्धियों को आभारी है।
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