शराब नीति घोटाले में फंसे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) की याचिका पर कार्रवाई करते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली के केजरीवाल को निचली अदालत द्वारा दी गई जमानत पर रोक लगा दी। अब ईडी की याचिका पर हाई कोर्ट 25 जून को फैसला सुना सकती है। रोके गए इस आदेश को राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश न्याय बिंदु ने गुरुवार को पारित किया था। ऐसे में सभी के मन में न्यायाधीश न्याय बिंदु को लेकर कई सारे सवाल उठ रहे हैं। तो चलिए जानते हैं कौन है जज न्याय बिंदु!
जज न्याय बिंदु कौन हैं
न्याय बिंदु, दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट की विशेष न्यायाधीश हैं। उन्होंने ही दिल्ली शराब घोटाला केस में सीएम अरविंद केजरीवाल को जमानत देने का फैसला सुनाया। राउज एवेन्यू कोर्ट में स्पेशल जज न्याय बिंदु इससे पहले उत्तर-पश्चिम जिले की रोहिणी कोर्ट में थीं। रोहिणी कार्ट में उन्होंने वरिष्ठ सिविल जज के रूप में कार्य किया है। द्वारका कोर्ट में भी वो वरिष्ठ सिविल न्यायाधीश के रूप में कार्य कर चुकी हैं। जज न्याय बिंदु को दीवानी और फौजदारी कानून का अच्छा ज्ञान है। वो सिविल और क्रिमिनल दोनों ही प्रकार के कानून से अच्छी तरह वाकिफ हैं।
अरविंद केजरीवाल को जमानत देते हुए अपने फैसले में कहा था कि प्रथम दृष्ट्या में उनका अपराध अभी तक स्थापित नहीं हुआ है। यह संभव हो सकता है कि आवेदक के कुछ जान पहचान वाले लोग किसी अपराध में शामिल हों, लेकिन ईडी अपराध की आय के संबंध में आवेदक के खिलाफ कोई प्रत्यक्ष सबूत देने में विफल रहा है।
उन्होंने आगे कहा सीएम केजरीवाल के इस दावे पर ईडी की चुप्पी पर भी कई सारे प्रश्न उठते हैं कि उन्हें कथित आबकारी घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सीबीआई की एफआईआर या एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग एजेंसी की ओर से नाम दर्ज किए बिना गिरफ्तार किया गया था।
केजरीवाल और AAP पर साउथ ग्रुप से 100 करोड़ रुपये की रिश्वत लेने का आरोप है, जो राजनेताओं, व्यापारियों और अन्य लोगों का एक गिरोह है, जिसने लाइसेंसधारियों के पक्ष में दिल्ली शराब नीति में हेराफेरी की। कथित तौर पर इस पैसे का इस्तेमाल 2022 के गोवा विधानसभा चुनाव प्रचार में किया गया।
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