लोकसभा अध्यक्ष पद को लेकर चर्चाएं तेज़ हैं। इन चर्चाओं में डी. पुरंदेश्वरी का नाम अग्रिम है।
भारतीय लोकतंत्र पर्व पूरा हो चुका है।जनता ने नरेंद्र मोदी को जनादेश दे दिया है,और NDA की सरकार बन चुकी है।प्रधान मंत्री पद के लिए नरेंद्र मोदी सहित उनके मंत्रिमंडल में शामिल 71सांसदो ने शपथ ले ली है।सभी ने उनको सौंपे गए मंत्रालय का चार्ज संभाल लिया है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पास तीन मंत्रालय रखे है,वे है…पेंशन,परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष विभाग मंत्रालय।अब लोकसभा अध्यक्ष चुनने का वक्त है। लोकसभा अध्यक्ष की रेस में आंध्र प्रदेश के राजमहेंद्रवरम से चुनाव जीतकर संसद में पहुंची दग्गुबाटी पुरंदेश्वरी के नाम की चर्चाएं तेज़ है।
दग्गूबाटी पुरंदेश्वरी कौन है? आंध्र प्रदेश से भाजपा की सांसद 64 वर्षीय पुरंदेश्वरी एन. टी. रामा राव की बेटी,और चंद्रबाबू नायडू की साली है। 1996 में रामाराव तख्ता पलट में नायडू का उन्होंने समर्थन किया था। चंद्रबाबू नायडू और पुरंदेश्वरी दोनों कम्मा समुदाय से है। कम्मा समुदाय बहुत ही प्रभावशाली समुदाय है। जो TDP का परंपरागत वोटर है।यह समुदाय हमेशा TDP को ही वोट देता है।इसी वजह से चंद्रबाबू का आंध्र प्रदेश में दबदबा है।
भाजपा जहां हर हाल में भाजपा का लोकसभा अध्यक्ष चाहता है,वही चंद्रबाबू की जिद है कि लोकसभा अध्यक्ष आंध्र प्रदेश का हो,ताकि भविष्य में लाभ उठाया सके। लेकीन शायद अब लोकसभा अध्यक्ष आंध्र प्रदेश से हो।
जहां तक डी. पुरंदेश्वरी की बात है, तो वे 1996 में अपने पिता एन टी रामराव का विरोध और नायडू को समर्थन देकर राजनीतिक गलियारों में पहचानी जाने लगी थी। वे वर्ष 2004 में बापटला से 44 वर्ष की उम्र में पहला चुनाव जीतकर सांसद बनी। चुनाव जीतने के बाद उन्होंने कांग्रेस का हाथ थाम लिया। वर्ष 2009 में मनमोहन सिंह की सरकार में मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री बनी। 2012 में वाणिज्य उद्योग मंत्रालय में राज्य मंत्री बनी,लेकिन वर्ष 2014 में उन्होंने कांग्रेस का हाथ छोड़ दिया और भाजपा में शामिल हो गई। 2010 में महिला मोर्चा उड़ीसा प्रभारी बनी। उन्हें दक्षिण की सुषमा स्वराज कहा जाता है। फिलहाल वे। आंध्र प्रदेश भाजपा की अध्यक्ष हैं। 2024 में राजमहेंदवरम से उन्होंने चुनाव लड़कर YSA कांग्रेस के श्रीनिवास को 2,40,000 मतों की लीड से हराकर जीत हासिल की।
विपक्ष भी यदि आंध्र प्रदेश से लोकसभा अध्यक्ष हो तो समर्थन देने को तैयार है। यहां यह उल्लेखनीय है कि, अगर डी. पुरंदेश्वरी लोकसभा की अध्यक्ष चुनी जाती हैं तो वे आंध्र प्रदेश से दूसरी अध्यक्ष होंगी। इससे पहले अमलापुरम के पूर्व सांसद जीएमसी बाल योगी 12वीं लोकसभा में अध्यक्ष रह चुके हैं। कहा जाता है कि वर्ष 1998 में बाल योगी की वजह से ही वाजपेई की सरकार केवल एक वोट से गिर गई थी।
वहीं दूसरी ओर नरेंद्र मोदी और अमित शाह के निकटवर्ती ओम बिरला को कोई पोर्टफोलियो नहीं दिया गया है। राजनीतिक विशेषज्ञों के अनुसार वे भी इस रेस में शामिल हो सकते हैं।यहां यह उल्लेखनीय है कि ओम बिरला ने अपने लोकसभा अध्यक्ष पद के कार्यकाल में अपने कई निर्णय के द्वारा रिकॉर्ड्स भी बनाए थे।
जनता को इंतजार है,नए लोकसभा अध्यक्ष के नाम की घोषणा का।
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