दुनियां में शहरीकरण तेजी से बढ़ रहा है। जैसे-जैसे ये रफ्तार पकड़ रहा है वैसे-वैसे ही नई-नई टेक्नॉलाजी सभी के घरों में पैर पसारते जा रही है। RO (Reverse Osmosis) भी इसी का एक हिस्सा है। जो आज लोगों के लिए जरुरत नहीं बल्कि मजबूरी बन गया है। लेकिन, आज ये मजबूरी जोखिम से कम नहीं है। कई शोध में पाया गया है कि आरओ के पानी में आवश्यक खनिज तत्व निकल जाते हैं जिससे शरीर को बहुत सी दिक्कतों का समाना करना पड़ता है।
यह तो सच है कि RO पीने के पानी को शुद्ध बनाता है, लेकिन इससे पानी में मौजूद 92 से 99 प्रतिशत तक आवश्यक कैल्शियम और मैग्नीशियम छन जाते हैं। इसका मानव शरीर पर बहुत ही बुरा असर पड़ता है।
एक अध्ययन में सामने आया कि चेकोस्लोवाकिया में जब लोगों ने आरओ का पानी पीना शुरू किया तो कुछ ही हफ्तों में उनमें मैग्नीशियम और कैल्शियम की भारी कमी होने लगी। इसके अलावा भी बहुत सी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
वैसे तो पानी इंसान के शरीर का दो तिहाई हिस्सा है। इसमें कैल्शियम और मैग्नीशियम सहित कई जरूरी मिनरल्स पाए जाते हैं। आरओर और बोतलबंद पानी में तीन बड़ी समस्याएं होती हैं। TDS, मिनरल्स और प्लास्टिक्स।
TDS मतलब कुल घुलित ठोस (Total Dissolved Solids)। यह पानी में घुले हुए सभी खनिज, लवण, धातुएं और अन्य अशुद्धियों की कुल मात्रा को मापता है। TDS को मिलीग्राम प्रति लीटर (mg/L) या भागों प्रति मिलियन (ppm) में मापा जाता है।
पानी में कितनी होनी चाहिए TDS की संख्या
TDS कम होने पर पानी हाइपो टॉनिक होता है, ज्यादा होने पर हाइपर टॉनिक। पीने के पानी को न तो बहुत ज्यादा हाइपो टॉनिक होना चाहिए और न ही हाइपर टॉनिक। सबसे अच्छी टोनेसिटी 350 TDS पर मिलती है। पानी का TDS 100 से कम नहीं होना चाहिए। 100 से कम टीडीएस का पानी बहुत ज्यादा हाइपो टॉनिक होता है, इससे बॉडी का बैलेंस मियोस्टेसिस गड़बड़ा जाता है। इसके गड़बड़ होने से कई बीमारियां होती है, जैसे कि कार्डियो वैस्कुलर डिसीज से लेकर बालों के झड़ने तक। अमूमन आरो और बोतल वाला पानी पीने वाले 99 फीसदी लोग 100 से नीचे वाले टीडीएस का पानी पी रहे हैं, ऐसे वे स्वाद के चक्कर में करते हैं, क्योंकि 65 से 75 के बीच में पानी का स्वाद सबसे मीठा होता है।
RO का पानी पीने से होने वाले नुक्सान
RO का पानी पीने से शरीर का ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है।
इसका पानी पीने से आपने शरीर में बी12 की मात्रा भी कम हो सकती है।
RO का पानी पीते रहने से कमजोरी, थकान की शिकायत भी हो सकती है।
इतना ही नहीं इससे आपको ब्लोटिंग और गैस की भी समस्या हो सकती है।
पोटैशियम, मैग्नीसियम, कैल्सियम जैसे मिनरल्स की कमी के कारण आपके दिल को भी खतरा हो सकता है।
RO पानी के PH लेवल को ऐसिडिक बना देता है।
आज से 40 से 50 साल पहले आरओ सिस्टम चलन में ही नहीं था। देश के सभी हिस्सों में पारंपरिक रूप में पानी को साफ-सुथरा बनाकर पिया जाता था। औऱ आज हालत ये हो गई है को मुश्किल ही है कि अब किसी घर में बिना आरओ वाला पानी आपको पीने मिले। ये रिसर्च के बाद आपको समझना होगा की नेचुरल वॉटर हमारे शरीर के लिए कितना जरूरी है। इसलिए आप भी बाजार की इस अंधी दौड़ का शिकार होने से बचे और पानी को साफ बनाने के चक्कर में पानी से जरूरी मिनरल्स का सफाया न करें।
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