उत्तर प्रदेश के वाराणसी की एक जिला अदालत ने बुधवार, 31 जनवरी दोपहर फैसला सुनाते हुए हिंदू याचिकाकर्ताओं को ज्ञानवापी मस्जिद के सील किए गए तहखाने के अंदर पूजा करने की अनुमति दे दी है। ज्ञानवापी मामले में हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा, “हिंदू पक्ष को ‘व्यास का तहखाना’ में पूजा करने की इजाज़त दी गई। जिला प्रशासन को 7 दिन के अंदर व्यवस्था करनी होगी।”
इस फैसले के बाद काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद का 32 साल पुराना मामला एक बार फिर से सुर्खियों में आ गया है। तो चलिए कुछ पॉइंट में जानते है कि ज्ञानवापी मामले का पूरा इतिहास-
1669: मुगल सम्राट औरंगजेब ने कथित तौर पर काशी विश्वनाथ मंदिर को ध्वस्त कर दिया और उसके स्थान पर ज्ञानवापी मस्जिद का निर्माण करवाया।
1936: अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद ज्ञानवापी द्वारा मस्जिद परिसर का स्वामित्व दावा करते हुए एक मुकदमा दायर किया गया।
1947: भारत की स्वतंत्रता के बाद, मस्जिद परिसर का प्रबंधन वक्फ बोर्ड को सौंप दिया गया।
1991: हरिहर पांडे, सोमनाथ व्यास और रामरंग शर्मा ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में मंदिर के अवशेषों के आधार पर पूजा करने का अधिकार मांगते हुए एक याचिका दायर की।
1993: अदालत ने मस्जिद परिसर को सील करने का आदेश दिया।
2021: हिंदू पक्ष ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में वीडियोग्राफी सर्वेक्षण की मांग करते हुए याचिका दायर की।
2022: अदालत ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का वीडियोग्राफी सर्वेक्षण करने का आदेश दिया।
मई 2022: सर्वेक्षण के दौरान, हिंदू पक्ष ने दावा किया कि उन्हें मस्जिद परिसर में शिवलिंग मिला है। मुस्लिम पक्ष ने इस दावे का खंडन किया।
जून 2022: अदालत ने मस्जिद परिसर के वजूखाने को सील करने का आदेश दिया।
जुलाई 2022: अदालत ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के अंदर और बाहर की जमीन का ASI सर्वेक्षण करने का आदेश दिया।
अगस्त 2022: ASI ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का सर्वेक्षण पूरा किया और अपनी रिपोर्ट अदालत में पेश की।
सितंबर 2022: अदालत ने ASI रिपोर्ट को सार्वजनिक करने का आदेश दिया।
नवंबर 2022: अदालत ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में पूजा-अर्चना के अधिकार को लेकर सुनवाई शुरू की।
जनवरी 2023: अदालत ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में पूजा-अर्चना के अधिकार को लेकर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।
फरवरी 2023: अदालत ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में पूजा-अर्चना के अधिकार को लेकर अपना फैसला सुनाया।
मार्च 2023: मुस्लिम पक्ष ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में पूजा-अर्चना के अधिकार को लेकर उच्च न्यायालय में याचिका दायर की।
अप्रैल 2023: उच्च न्यायालय ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में पूजा-अर्चना के अधिकार को लेकर सुनवाई शुरू की।
मई 2023: उच्च न्यायालय ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में पूजा-अर्चना के अधिकार को लेकर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।
जून 2023: उच्च न्यायालय ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में पूजा-अर्चना के अधिकार को लेकर अपना फैसला सुनाया।
यह मामला अभी भी उच्च न्यायालय में विचाराधीन है।
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