04-11-2023
मुंबई की पहचान काली पीली प्रीमियर पद्मिनी टैक्सी मुंबई की सड़कों से ले रही है, विदाई।
एक प्रवासी के रूप में हम जिस भी शहर में जाते है तो उस शहर की पहचान बन चुकी चीज हमारे दिल में घर कर जाती है।एक वक्त था जब एंबेसेडर और प्रीमियर पद्मिनी कार का दबदबा था। ऐसा ही कुछ कोलकाता की एंबेसडर और मुंबई की प्रीमियर पद्मिनी टैक्सी का भी है। काफी लंबे समय से यह कार मुंबई की पहचान बन चुकी है ।जिस तरह कोलकाता की सड़कों से एम्बेसडर टैक्सी गायब हो चुकी है, इस तरह अब मुंबई की सड़कों से प्रीमियर पद्मिनी काली पीली टैक्सी को सत्तावार रूप से मुंबई की सड़क से हटा दिया गया है।
मुंबई के वड़ा पाऊं की तरह काली पीली प्रीमियर पद्मिनी टैक्सी का अपना स्थान रहा है। इस सर्विस का मुंबई समेत अन्य राज्यों के लोगों ने भी भरपूर लाभ उठाया है। यह एक आसान वाहन हुआ करता था।टैक्सी ड्राइवर की यह कार,रोजी रोटी थी।ये ड्राइवर्स ईमानदारी से लोगो की सेवा करते थे।ये मुंबई की रज रज से वाकिफ थे।लेकिन अब यह टैक्सी इतिहास बन गई है। ओला उबेर जैसी नई व्यवस्था के झमेले में ये टैक्सियां अपना वजूद लंबे समाय से खोने लगी थी।लेकिन अब इस टैक्सी को सत्तवार रूप से मुंबई की सड़को से हटा दिया गया है।
1990 के शतक की यदि बात करें तो मुंबई की सड़कों पर तकरीबन 40,000 काली पीली टैक्सियां चलती थी। प्रीमियर पद्मिनी और एम्बेसडर कार की विशेषता यह थी कि हर चौराहे पर इस कार को ठीक करने के लिए गेराज प्राप्य थे। मारुति कार का भी ऐसा ही था।जबकि नई कार्स के लिए हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करना पड़ता है। वही मुंबई की पहचान कही जाती बेस्ट की डबल डेकर बसें भी बिदाई ले चुकी है।इन बसों के बाद अब प्रीमियर पद्मिनी टैक्सी को भी मुंबई ने अलविदा कह दिया है।
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