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Friday, November 22   9:10:40

जिंदगी की हर पिच पर शामी शानदार

मोहम्मद शमी ये नाम हर क्रिकेट फैन के जबान पर है। 2023 के वर्ल्ड कप में अपनी बॉलिंग से सामने वाली टीम को पछाड़ देने वाले कोन हैं मोहम्मद शमी और क्या हैं उनका इतिहास। कैसे एक U.P का आमसा लड़का बना पूरे देश की जान। जानें मोहम्मद शमी की पूरी दासतान-

शमी के करियर की शुरुआत

मोहम्मद शमी का जन्म 3 सितंबर 1990 में उत्तर प्रदेश के छोटे से गांव सहसपुर में हुआ था। उनके साथ उनके 4 भाई बहन और हैं। उनके पिता (तौसीफ अली) एक किसान थे जो अपने समय के एक तेज गेंदबाज थे, लेकिन गांव में क्रिकेट की अच्छी फैसिलिटी ना होने के चलते उन्हे क्रिक्रेट छोड़ना पड़ा। लेकिन, उन्होंने शमी में भी वहीं टेलेंट देखा और 15 साल के शमी को 22 किमी दूर कोच बदरुद्दीन सिद्दीकी के पास ले गए। यहां शमी की गेंदबाजी देखकर कोच को पता चल गया की इस लड़के में कुछ तो बात है। एक साल ट्रेनिंग लेने के बाद 2006 में शमी U.P.के अंडर U19 ट्रायल के लिए गए, लेकिन वहां उनका सिलेक्शन नहीं हुआ।

यहां से मिला मौका

इसके बाद कानपुर जाते समय कोच बदरुद्दीन को उनके एक दोस्त का कॉल आता हैं जिसमें वो कहते हैं की कोलकाता के डलहौजी एथलीट क्लब को लीग मैच के लिए एक फास्ट गेंदबाज की जरुरत है, जिसके बाद कोच को लगा की यही मौका है शमी के लिए। फिर ये बात जैसे ही कोच ने शमी के पिता को बताई पिता ने शमी को कोलकाता भेजने का फैसला कर लिया। शमी घर के पहले सदस्य थे जो इतनी दूर जा रहे थे। मगर उन्हें कहा पता था ये उनके जीवन की नई शुरुआत होने वाली है। इसके बाद क्या था डलहौजी एथलीट क्लब के लिए शमी ने सेमीफाइनल में 4 विकट लिए और कोलकाता में अपने आने का एलान कर दिया।

उसी दौरान टाउन क्लब के जनरल देबाब्रता दास शमी की गेंदबाजी से काफ़ी इंप्रेस हुए और उन्होने शमी को टाउन क्लब से खेलने का कॉन्ट्रैक्ट दे दिया। इतना ही नहीं उन्होंने शमी को अपने घर पर रहने के लिए जगह भी दी। शमी के अच्छे खेल के चलते दास ने फिर शमी को बंगाल U22 टीम में रखने की सलाह दी, पर उन्हें ये कह कर मना कर दिया गया की शमी किसी बड़े क्लब के लिए नहीं खेल सकते। उस वक्त दास ने सलेक्शन कम्युनिटी के सलेक्टर संबरन बैनर्जी को शमी की एक बार गेंदबाजी देखने की सलाह दी। बैनर्जी ने जब शमी की गेंदबाजी देखी तो उसे इंप्रेस होकर उन्हें विजय हजारे ट्रॉफी के लिए सिलेक्ट कर लिया। पर बड़े क्लब से ना होने के चलते उन्हे प्लेइंग इलेवन में जगह नहीं मिल पाई।

इसके बाद उन्हें मोहन बगान स्पोर्ट्स क्लब में शामिल होने की सलाह दी गई, लेकिन शमी टाउन क्लब नहीं छोड़ना चाहते थे। लेकिन, काफी समझाने के बाद वे इसके लिए मान गए।

करियर का टर्निंग पॉइंट

मोहन बगान की तरफ़ से खेलते समय शमी को सौरव गांगुली के सामने गेंदबाजी का मौका मिला और पहली गेंद ने ही गांगुली को हैरत में डाल दिया। शमी की गेंदबाजी के चलते गांगुली हाथ नहीं खोल पा रहे थे, दादा ने 45 मिनट बैटिंग करने के बाद उन्होंने शमी से पूछा की क्या खेलते हो जिसपे शमी ने बोला जी U22 जिसके बाद दादा ने कॉल पे बात की और उन्हे बंगाल स्टेट टीम में शमिल कर लिया गया।

20 अक्टूबर 2010 मुस्ताक अली ट्रॉफी में शमी ने अपना T20 डेब्यू किया जिसमें असम के खिलाफ़ उन्होनें 4 विकेट अपने नाम किए उस टूर्नामेंट में शमी ने 8 मैच में 14 विकेट लिए।

2011 में KKR के बॉलिंग कोच वसीम अकरम ने शमी को उनकी गेदबाजी के चलते KKR में शमिल किया , लेकिन उस दौरान वे एक भी मैच नहीं खेल पाए।

2011–12 के दिलीप ट्रॉफी में भी शमी का नाम नहीं था पर अबू निचाम के इंजरी के बाद शमी को सेंटर के खिलाफ़ खेलने का मौका मिला, जहां पर शमी ने 2 इनिंग्स में 8 विकट लेके ईस्ट जॉन को जीत दिलाई।

शमी का इंडिया कॉल

2011–12 में ही शमी को वेस्टइंडीज A के सामने खेले जा रहें unofficial मैच में इंडिया A में शामिल कर लिया गया। इस सीरीज में शमी ने 6 इनिंग्स में 13 विकेट अपने नाम किए। 2012 तक शमी के 18 फर्स्ट क्लास क्रिकेट मैच में 71 विकेट अपने नाम किए। उस वक्त उनकी गेंदबाजी का प्रदर्शन देख टीम के कोच लालचंद राजपूत काफी इंप्रेस हुए। आखिरकार शमी की मेहनत रंग लाई 2012 में पाकिस्तान के खिलाफ खेली जा रही एक सीरिज में उनका चयन हो गया।

1 जनवरी 2013 में शमी ने इंडिया के लिए अपना ODI डेब्यु किया। 2013 को शमी ने अपना टेस्ट डेब्यू किया, जिसमें 2 इनिंग्स में शामिल 9 विकेट लेकर एक रिकॉर्ड कायम किया। इसके बाद वे सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले डेब्यू प्लेयर बन गए।

2014 इंग्लैंड टूर में शमी ने अपने बल्लेबाजी का भी प्रदर्शन दिखा दिया जहां पर आखिरी विकेट के लिए भुवनेश्वर के साथ मिलकर 111 रन इंडिया के लिए जोड़े और सीरीज में 5 विकेट भी अपने नाम कर लिए।

2015 वर्ल्ड कप के लिए मोहम्मद शमी बहुत ही महत्वपूर्ण खिलाड़ी थे। लेकिन, उस वक्त पूरे टूर्नामेंट में मोहम्मद शमी अपनी नी इंजरी से जूझ रहे थे। हर मैच से पहले उन्हें अपने घुटनों में से पानी निकलवाना पड़ता था।

इस साल ऑस्ट्रेलिया के सामने खेलते हुए शमी की हालत बहुत नाजुक हो गई शमी ने धोनी को बोला कि वह बोलिंग नहीं कर पाएंगे पर धोनी ने कहा शमी का इस समय कोई रिप्लेसमेंट नहीं है जिसके चलते शमी ने 4 पेन किलर खाकर बॉलिंग की और उसे टूर्नामेंट में उन्हें साथ मैचेस में 17 विकेट भी लिए।

डाउनफॉल

इतने अच्छे खेल और इतने अच्छे प्रदर्शन के बाद भी उनकी नी इंजरी के चलते उन्हें खेल से परे होना पड़ा। टूर्नामेंट के बाद उन्हें नी सर्जरी करानी पड़ी, जिसके बाद उन्हें डेढ़ साल तक क्रिकेट से दूरी बनानी पड़ी। इसी बीच उनकी निजी जिंदगी में भी कई तूफान आ गए। उनकी बीवी ने उन पर धोखाधड़ी और कई सारे गंभीर आरोप लगाए, जिसके चलते मोहम्मद शमी मीडिया में एक हेडलाइन बन गए।

इसी दौरान 2017 में मोहम्मद शमी के पिता की हार्ट अटैक से मौत हो गई और 2018 में मोहम्मद शमी एक एक्सीडेंट में गंभीर रूप से घायल हो गए। ऐसा लग रहा था जिंदगी ने मोहम्मद शमी का रुख एकदम से मोड़ दिया हो मोहम्मद शमी की खुशहाल जिंदगी नरक बनते जा रही थी। इसी दौरान मोहम्मद शमी डिप्रेशन और एंजायटी का शिकार हो गए।

मोहम्मद शमी की पत्नी ने उन पर यह तक आरोप लगा दिया कि उन्हें पैसों के लिए मैच फिक्सिंग की और देश को बेच दिया। सोशल मीडिया पर भी लोग शमी को उल्टी सीधी बातें बोलने लगे। ये उस हद तक चला गया कि शमी को आत्महत्या करने जैसे ख्याल भी आने लगे। पर मोहम्मद शमी ने अपने ऊपर लगे सारे आरोपों का हमेशा खंडन किया। केस होने के बाद कोर्ट ने भी शमी को बेकसूर पाया।

शमी की शानदार वापसी

साल 2019 वर्ल्ड कप का साल जहां पर मोहम्मद शमी ने अफगानिस्तान के सामने खेलते हुए हैट्रिक ली और अपने वापसी का संकेत एक धुआंधार पारी के रूप में दे दिया था। उसके बाद एक के बाद एक अच्छी पारी खेली। क्रिकेट वर्ल्ड कप 2023 में मौका भले देर से मिला, लेकिन आज पूरा देश शमी के नाम से गुज उठा। इंग्लैंड के सामने 4 और न्यूजलैंड 5 विकेट के साथ अपना कमबैक किया।

इतने सारे उतार चढ़ाव के बाद भी शमी ने कभी अपनी हिम्मत नहीं तोड़ी और अपने अच्छे प्रदर्शन के साथ हमेशा अपने आप को साबित किया। आज मोहम्मद शमी कितनो के लिए एक इंस्पेरेशन बन चुके हैं। जिस पर कभी देश द्रोह का आरोप लगा था। आज वहीं देश का नाम ऊंचा कर रहा है।