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खाना एक आवश्कता है, लेकिन समझदारी से खाना एक कला है।

16-10-2023

हर साल की तरह इस साल भी 16 अक्टूबर यानी आज विश्व खाद्य दिवस मनाया जा रहा है। इस दिन को सेलिब्रेट करने का मुख्य उद्देश्य ग्लोबल हंगर इंडेक्स यानी वैश्विक भुखमरी को खत्म करना है। विश्व खाद्य दिवस को सेलिब्रेट करने के लिए हर साल एक थीम तय की जाती है। इस साल की थीम वाटर इस लाइफ, वाटर इस फूड है।

बता दे की हर साल खाने की कमी के कारण लाखो लोग अपनी जान गवा देते है। ऐसे में विश्व खाद्य दिवस के जरिए लोगो के बीच जागरूकता फैलाई जाती है।

स्वामी विवेकानंद ने 129 साल पहले 11 सितंबर 1893 को अमेरिका के शिकागो में आयोजित विश्व धर्म संसद में शानदार भाषण दिया था। उनके भाषण के बाद तालियों की गड़गड़ाहट से हॉल गूंज उठा था. कम ही लोग यह बात जानते है कि स्वामी विवेकानंद ने सिर्फ एक बार नहीं, बल्कि 11 से 27 सितंबर तक उन्होंने धर्म संसद को 6 बार संबोधित किया था। 20 सितंबर 1893 को अपने चौथे भाषण में उन्होंने कहा था कि भारत को धर्म नहीं, बल्कि रोटी चाहिए।

यूएन वर्ल्ड फूड प्रोग्राम की रिपोर्ट के अनुसार दुनियाभर में 82.8 करोड़ लोग ऐसे हैं, जो हर रात भूखे पेट सो जाते है। यह आंकड़ा भयावह है। ऐसी स्थिति से पार पाया जाए और किसी को भूखा न सोना पड़े, यही तो विश्व खाद्य दिवस का उद्देश्य है। वर्ष 1981 से ही हर साल 16 अक्टूबर को विश्व खाद्य दिवस मनाया जाता है, ताकि उन लोगों के प्रति ध्यान जाए, जो भूख से पीड़ित है।

भारत में हर साल लाखों टन खाना वेस्ट होता है। वही न जाने कितने लोग एक रोटी को तरसते है। हम यू तो रेस्टोरेंट, कैफेस में जा कर अपना मन पसंद खाना ऑर्डर कर देते है, फोटोज क्लिक करते है। और अगर ऑर्डर किया गया खाना पूरा न हो सके तो उसे वही छोड़ देते है। अब से हम सभी को खुदसे ये वादा करना होगा की अब हम जब भी कही जाए और इस तरह खाना बच जाए तो उसे या तो पैक करवा कर घर ले जाए, या फिर किसी जरूरतमंद को वो खाना दे दिया जाए।

आओ हम सब मिल कर देश में एक ऐसा नियम लाए,
बचा हुआ अच्छा भोजन जरूरतमंद तक पहुंचाए।