CATEGORIES

April 2025
M T W T F S S
 123456
78910111213
14151617181920
21222324252627
282930  
Saturday, April 19   12:41:50

आज विश्व मलेरिया दिवस , वर्ष 2023 का थीम_रेडी टु कॉम्बैट मलेरिया

25-04-2023, Tuesday

लेखक: नलिनी रावल

आज विश्व मलेरिया दिवस है।आंकड़ों के अनुसार केवल गुजरात में ही पिछले 5 सालों में 50,000 से अधिक व्यक्ति मलेरिया की चपेट में आ चुके हैं।

मलेरिया शब्द इटालियन शब्द “माला एरिया” से निकला है। जिसका अर्थ है, बुरी हवा। ऐसा कहा जाता है कि मलेरिया सबसे पहले चीन में देखा गया था। जहां उसे स्वैंप फीवर कहा जाता था। यह बीमारी गंदगी से फैलती है ।मादा एनाफीलिस मच्छर से फैलती है। सन 1880 में वैज्ञानिक चार्ल्स लुईस अल्फोंस लेवरिन द्वारा पहली बार इसका अभ्यास किया गया।WHO ने मलेरिया पीड़ित देशों से 0 मलेरिया के प्रति प्रतिबद्धता दर्शाने का आवाहन किया है। विश्व में मलेरिया के केस घटाने के प्रयत्न जारी है ,और वर्ष 2030 तक मलेरिया से होते मृत्यु दर में 90% कमी करने का लक्ष्य है। वर्ष 2021 में तकरीबन 6,19,000 लोगों की मलेरिया से मृत्यु हुई थी। 2020 में यह आंकड़ा 6 ,25, 000 तक पहुंचा है। कोविड 19 के प्रतिसाद रूप मालदीव और श्री लंका ने मलेरिया मुक्त देश का दर्जा हासिल किया है।

भारत में गत वर्ष मलेरिया से 1,73,975 मामले दर्ज हुए थे,और 64 लोगों की मृत्यु हुई थी। वहीं गुजरात में पिछले 4 सालों में 62 करोड़ से अधिक की रकम मलेरिया को नाबूद करने में खर्ची जा चुकी है। फिर भी इस पर नियंत्रण नहीं पाया जा सका ।बारिश के मौसम में मलेरिया, डेंगू जैसे मरीजों से अस्पताल भर जाते हैं ।बच्चों में मलेरिया के केस में चिंताजनक बढ़ोतरी हो रही है ।पिछले 4 सालों में 15,150 बच्चे मलेरिया की चपेट में आ चुके हैं। गुजरात में वर्ष 2022 में 4766 मामले दर्ज हुए थे।

अफ्रीका में बढ़ते मलेरिया रोग के चलते वर्ष 2007 में विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा विश्व मलेरिया दिवस 25 अप्रैल को मनाना तय किया गया। हर वर्ष अलग-अलग थीम पर यह दिवस मनाया जाता है ।वर्ष 2023 का थीम है “रेडी टो कॉम्बैट मलेरिया।”जिसका उद्देश्य है विश्व से मलेरिया नाबुद करने का प्रण लेना,एनाफिलिस मादा मच्छर से फैलते इस रोग के कारण स्वच्छता के प्रति जागृति लाना है।