14-04-2023, Friday
आज समग्र देश में सन 1944 के अग्निकांड में शहीद हुए 66 अग्निशमन दल कर्मियों की याद में 14 अप्रैल का दिन राष्ट्रीय अग्निशमन दिवस के रूप में हर साल मनाया जाता है।और उन शहीदों को श्रद्धांजलि देने के साथ साथ लोगो के लिए जनजागृति कार्यक्रम किए जाते हैं।
अग्निशमन दल के कर्मचारी जान हथेली पर लेकर दूसरों को बचाने के लिए अगन से खेलते हुए खतरनाक काम करते हैं ।और जनता की सुरक्षा के लिए कृत संकल्प रहते हैं ।वे हर दिन आग से खेलते हैl 14 अप्रैल 1944 में दूसरे विश्व युद्ध के दौरान मुंबई के विक्टोरिया डॉकयार्ड में खड़े एस एस फोर्टस्टिकन नामक जहाज में लदी रुई की गठरियो, 1400 टन विस्फोटक,और युद्ध उपकरणों में अचानक लगी आग के कारण दो विशाल धमाकों के साथ विक्टोरिया डॉकयार्ड तबाह हो गया था ।इस भीषण आग को काबू करने के लिए मुंबई अग्निशमन दल के 100 से अधिक फायर फाइटर धधकती ज्वाला को काबू करने कूद पड़े थे ।इस आग को काबू करने की मशक्कत में 66 अग्निशमन कर्मचारी आग की भेंट चढ़ कर शहीद हो गए थे। इन शहीदों को श्रद्धांजलि देने के उद्देश्य से हर साल 14 अप्रैल का दिन , राष्ट्रीय अग्निशमन दिवस के रूप में मनाया जाता है। हर वर्ष अलग-अलग थीम रखा जाता है। इस वर्ष का थीम है, “अग्नि सुरक्षा सीखे ,उत्पादकता बढ़ाएं”।
पूरे एक सप्ताह तक इस दिन को राष्ट्रीय अग्निशमन विभाग द्वारा मनाया जाता है। उन शहीदों को श्रद्धांजलि देने के साथ साथ जन जागृति कार्यक्रम भी किए जाते हैं, जिसमें अग्निकांडो से होने वाली क्षति के प्रति जागरूक करना, घटनाओं को रोकने के उपाय करना, बचाव उपाय संबंधी लोगों को शिक्षित करना, साथ ही सुरक्षित मार्ग व्यवस्था, अग्निशामक उपकरणों का उपयोग, आग की स्थिति में बचाव के उपाय, बहुमंजिला इमारतों में अग्नि सुरक्षा व्यवस्था, विकलांग व्यक्तियों के लिए अग्नि सुरक्षा व्यवस्था, और उद्योगों में अग्नि सुरक्षा और अग्नि से बचने के लिए सावधानियां समझाने का प्रयास करने के तहत विविध कार्यक्रम किए जाते हैं। कहते हैं कि, “नजर हटी दुर्घटना घटी ” ऐसा ना हो और लोगों का जीवन सुरक्षित रहे इसलिए अग्नि सुरक्षा के उपाय सीखने की आवश्यकता को देखते हुए इस दिन को मनाया जाता है।
वी एन एम परिवार 14 अप्रैल 1944 के रोज मुंबई के विक्टोरिया डॉकयार्ड में भस्म हुए मालवाहक जहाज की आग को काबू करने की मशक्कत में शहीद हुए 66 अग्निशमन कर्मियों को श्रद्धांजलि देता है।
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