08-04-2023, Saturday
शैक्षणिक सत्र 2023 के लिए राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) की पाठ्यपुस्तकों पर शुरू हुआ विवाद बढ़ता ही जा रहा है। यह मुद्दा अब राजनीतिक रंग भी ले चुका है। विपक्षी दलों की ओर से केंद्र सरकार की मंशा पर सवाल उठाए जा रहे हैं। 12वीं कक्षा की राजनीतिक विज्ञान की किताब से ‘महात्मा गांधी की मौत का देश की सांप्रदायिक स्थिति पर प्रभाव, गांधी की हिंदू-मुस्लिम एकता की अवधारणा ने हिंदू कट्टरपंथियों को उकसाया और RSS जैसे संगठनों पर कुछ समय के लिए प्रतिबंध’ सहित कई अंश हटा दिए गए हैं। पिछले साल NCERT ने गुजरात दंगों, मुगल दरबार, आपातकाल, शीत युद्ध, नक्सल आंदोलन के कुछ अंशों को हटाया था। NCERT का कहना है कि कोरोना महामारी के बाद छात्रों पर बोझ कम करने के मकसद के साथ एक्सपर्ट कमिटी की सिफारिशों के बाद कुछ हिस्सों को किताबों से हटाया गया है।
एनसीईआरटी की वेबसाइट पर डाउनलोड करने के लिए इतिहास की जो नई किताबें उपलब्ध हैं उनसे 28 पन्नों का मुग़ल शासकों पर केंद्रित ये अध्याय ग़ायब है।
एनसीईआरटी की भारत के पूर्व मुसलमान शासकों को पाठ्यक्रम से हटाने के इस क़दम को भारतीय इतिहास से मुग़लों को हटाने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है, वहीं एनसीईआरटी का तर्क है कि ऐसा छात्रों पर पाठ्यक्रम के बोझ को कम करने के लिए किया गया है।
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