18-07-22
आज सोमवार को राष्ट्रपति चुनाव है। मतगणना 21 जुलाई को होगी। सत्ता पक्ष ने द्रौपदी मुर्मू और विपक्ष ने पूर्व वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा को प्रत्याशी बनाया है। द्रौपदी यानी भाजपा की जीत पहले से ही पक्की थी। अपने प्रत्याशी को ज्यादा से ज्यादा वोट से जिताने के लिए भाजपा ने एड़ी-चोटी का जोर लगाया।
कई विपक्षी दल जो पहले मुर्मू के खिलाफ दिखाई दे रहे थे, अब पक्ष में आ गए हैं। सत्ता पक्ष का खिंचाव कुछ ऐसा ही होता है। अच्छे-अच्छों को पक्ष में आना पड़ता है। सो आ गए।
कांग्रेस को डर है कि अगर उसके ही विधायक टूट गए तो आगे किसी भी मौके पर अन्य विपक्षी दल कांग्रेस की नहीं सुनेंगे। इसलिए वह अपने बागी हो सकने वाले विधायकों को छिपा रही है।
कांग्रेस अच्छी तरह जानती है कि इस चुनाव में सत्ता पक्ष के प्रत्याशी की जीत तय है फिर भी गोवा के 11 में से पांच विधायकों को उसने चेन्नई में छिपा दिया। दरअसल उसे डर है कि इन्हें भाजपा अपनी तरफ तोड़ सकती है।
हालांकि, इससे मुर्मू की जीत पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला, लेकिन कांग्रेस अपनी नाक बचाने के लिए ऐसा कर रही है। उसकी अगुआई में खड़े किए गए विपक्षी प्रत्याशी के पक्ष में वोट देने की बजाय उसके ही विधायक टूट जाएं तो बदनामी तो होगी ही। आगे किसी मौके पर फिर अन्य विपक्षी दल कांग्रेस की क्यों सुनेंगे?
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