15-06-22
केंद्र सरकार ने अगले डेढ़ साल में 10 लाख पदों पर भर्ती करने का ऐलान किया है। यह भर्तियां केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों और मंत्रालयों में खाली पदों पर की जाएगी। पीएम मोदी ने सभी विभागों और मंत्रालयों में कर्मचारियों की स्थिति की समीक्षा करने के बाद यह आदेश दिया है। सरकार का कहना है कि अगले 18 महीनों में डेढ़ लाख पदों पर भर्ती मिशन मोड़ पर की जाए। पीएम का यह आदेश ऐसे समय में आया है जब तमाम विपक्षी दल देश में बेरोजगारी के मुद्दों पर सरकार पर हमलावर है। केंद्र के इस ऐलान के बाद जहां बीजेपी के नेता और मंत्री सरकार की इस कदम की तारीफ कर रहे हैं। वहीं विपक्ष इसे सरकार का एक और जुमला बता रहा है। केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि पीएम ने देशहित में एक और बड़ा फैसला लिया है। इससे देश में बेरोजगारी की समस्या काफी हद तक कम होगी। वहीं युवाओं में उत्साह और एक नई उम्मीद जगेगी।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पीएम के इस ऐलान पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, जैसे 8 साल पहले युवाओं को हर साल 2 करोड़ नौकरियों का झांसा दिया था, वैसे ही अब 10 लाख सरकारी नौकरियों की बारी है। ये जुमलों की नहीं, ‘महा जुमलों’ की सरकार है। प्रधानमंत्री जी नौकरियां बनाने में नहीं, नौकरियों पर ‘News’ बनाने में एक्सपर्ट हैं।
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पीएम ने एक और जुमला दे दिया है। उन्होंने पूछा कि देश में ऐसी जुमलेबाजी कब तक चलती रहेगी। 2014 में प्रधानमंत्री बनने से पहले नरेंद्र मोदी ने देश की जनता से वादा किया था कि वो हर साल 2 करोड़ युवाओं को रोजगार देंगे।
पीएम मोदी के दूसरे कार्यकाल तीसरा साल चल रहा है। उन्हें पीएम पद पर 8 साल हो गए हैं। इस हिसाब से पीएम को अब तक 16 करोड़ युवाओं को नौकरियां देनी चाहिए थी।
अब केंद्र सरकार 2024 तक केवल 10 लाख नौकरियां देने का वादा कर रही हैं। देशभर के विभिन्न विभागों में करीब 60 लाख पद खाली हैं। केंद्रीय विभागों में करीब 30 लाख पद रिक्त हैं। इन पदों पर बहाली क्यों नहीं हो रही है। आखिर केंद्र सरकार कब तक जुमलेबाजी कर चुनावी लाभ लेती रहेगी। अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) की एक रिपोर्ट के मुताबिक देश में करीब 20.7 करोड़ युवा बेरोजगार हैं।
केंद्र सरकार ने 10 लाख रोजगार देने का ऐलान ऐसे वक्त में किया है, जब देश के 11 राज्यों में अगले कुछ दिनों में चुनाव होने हैं। वहीं साल 2024 में लोकसभा चुनाव होगा। विपक्ष का कहना है कि चुनाव से पहले भाजपा लोगों को लुभाने के लिए रोजगार का लालच दे रही है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि सरकार का यह फैसला काफी अहम है। दरअसल, विपक्ष हर चुनाव में रोजगार के मुद्दों को उठाती है। बीजेपी का मानना है कि 2024 के लोकसभा चुनावों के समय बेरोजगारी के मुद्दे पर अपनी सरकार की विपक्ष की आलोचना का मुकाबला करने के लिए कुछ ठोस होगा।
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