20-05-22
महाराष्ट्र सरकार ने एक सुधारात्मक कदम उठाते हुए विधवा महिलाओं के लिए चली आ रही कई रूढ़िवादी परंपराओं को समाप्त करने की पहल की है। इसमें पति की मृत्यु के बाद चूड़ी तोड़ने, सिंदूर पोंछने और मंगलसूत्र निकालने की प्रथा शामिल है। राज्य सरकार ने कोल्हापुर की हेरवाड ग्राम पंचायत को उदाहरण मानते हुए पूरे राज्य में विधवा प्रथा को खत्म करने का आदेश दिया है।
यह सरकारी आदेश राज्य सरकार की ओर से सभी ग्राम पंचायतों को जारी किया गया है। इसे पालन करवाने का जिम्मा जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को सौंपा गया है। फिलहाल नियम नहीं मानने पर सजा का कोई प्रावधान नहीं रखा गया है। CEO को ग्राम पंचायतों को प्रोत्साहित करने और व्यापक जनजागृति फैलाने के लिए कहा गया है।
प्रदेश के ग्रामीण विकास मंत्री हसन मुश्रीफ ने सभी ग्राम पंचायतों को हेरवाड ग्राम पंचायत का अनुकरण कर एक आदर्श स्थापित करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि कुप्रथा को रोकने के लिए महाराष्ट्र हमेशा आगे रहा है। हेरवाड ग्राम पंचायत ने पति के निधन के बाद पत्नी का सिंदूर पोंछने और मंगलसूत्र निकालने जैसी कुप्रथा को रोकने के लिए प्रस्ताव पारित किया है। सरकार के इस फैसले पर शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड़ ने कहा है-जब यह मामला सामने आया था, तब मैंने मांग की थी कि हेरवाड ग्राम पंचायत का फैसला पूरे राज्य में लागू किया जाए। यह एक क्रांतिकारी फैसला है। वरिष्ठ अधिवक्ता और सोशल एक्टिविस्ट आभा सिंह ने कहा कि इस फैसले का स्वागत है। यह महिलाओं को समानता देने का कदम है। देशभर में जहां भी यह कुप्रथा है, उसे तत्काल खत्म करना चाहिए।
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