शेयर बाजार में अगर आप निवेश करते हैं तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। मार्केट रेगुलेटर SEBI ने शेयरों की खरीद-बिक्री का निपटान करने को लेकर वैकल्पिक आधार पर ‘टी +1’ की नई व्यवस्था पेश की है। इसका मकसद बाजार में खरीद-फरोख्त बढ़ाना है।
दरअसल, पहले यह व्यवस्था 1 जनवरी 2022 से लागू करने की योजना थी, लेकिन अब मार्केट रेगुलेटर सेबी ने इसकी समय सीमा बढ़ा दी है। और यह व्यवस्था 25 फरवरी 2022 से लागू हो जाएगी। फिलहाल घरेलू शेयर बाजारों में सौदों को पूरा होने में कारोबार वाले दिन के बाद दो कारोबारी दिवस (टी+2) लगते हैं। इस व्यवस्था का मकसद बाजार में खरीद-फरोख्त बढ़ाना है।


T+1 सेटलमेंट सिस्टम लागू होने से निवेशकों, ट्रेडर्स को काफी राहत मिलेगी। इसकी वजह यह है कि आज अगर किसी ने शेयरों की खरीद की तो इसके दूसरे दिन यानी एक दिन बाद ही उसके डीमैट खाते में शेयर पहुंच जाएंगे. इसी तरह अगर आज कोई शेयर बेचता है तो कल तक उसके खाते में पैसे पहुंच जाएंगे।
इस तरह के तेज निपटान चक्र से शेयर कारोबार की मात्रा बढ़ेगी, क्योंकि लोगों को जल्दी पैसा मिलेगा जिससे वे नए शेयरों में निवेश कर पाएंगे। इससे तेज निपटान होगा और एक्सचेंजों की कार्यक्षमता बढ़ेगी।
क्या होता है सेटलमेंट चक्र: शेयर बाजार में लेनदेन की व्यवस्था बैंक या अन्य जगहों से अलग होती है। बैंक या अन्य पेमेंट सिस्टम से पैसा ट्रांसफर या लेन-देन होते ही आपके खाते में पहुंच जाता है। लेकिन शेयर बाजार में ऐसा नहीं होता। फिलहाल शेयर बाजार T+2 निपटान चक्र (settlement cycle) पर काम करता है।
इसका मतलब यह है कि अगर आपने आज कोई शेयर खरीदा तो शेयर वास्तव में आपके डीमैट अकाउंट में ट्रेड डे ‘T’ day के तीसरे दिन यानी आज के दो दिन बाद T+2 में पहुंचता है। इसी तरह आपने कोई शेयर बेचा तो उसका पैसा खाते में तीसरे दिन पहुंचता है। इससे सेटलमेंट या निपटान चक्र भी कहते हैं।
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