एमपी के बहुचर्चित संत भय्यूजी महाराज ने 2018 में इंदौर स्थित अपने आश्रम में गोली मारकर खुदकुशी कर ली थी। इस मामले में इंदौर की अदालत ने अपना फैसला सुना दिया है। तीन साल बाद आए इस फैसले में तीन लोग दोषी करार दिए गए हैं। इंदौर सिविल कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र सोनी ने शिष्या पलक, मुख्य सेवादार विनायक और ड्राइवर शरद को दोषी ठहराया है। तीनों को छह-छह साल कैद की सजा सुनाई है। सेवादार विनायक पहले से ही इस मामले में जेल में बंद है। उसके वकील उसकी जमानत को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा चुके हैं।
More Stories
गुजरात में चीन के HMPV वायरस का पहला मामला, अहमदाबाद में 2 महीने की बच्ची में दिखे लक्षण
बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य की अनिवार्यता भाग- 2
भारत में HMPV वायरस की एंट्री से मचा हड़कंप, जानें कैसा है मरीज का हाल