गुजरात के अहमदाबाद में 1992 के सांप्रदायिक दंगों के एक पीड़ित को 25 साल बाद मिलेगा मुआवजा। अहमदाबाद की एक अदालत ने पीड़ित को ‘दर्द’ और गोली लगने के कारण हुए ‘कष्ट’ के लिए 49,000 रुपए का मुआवजा देने का निर्देश गुजरात सरकार को दिया है। पीड़ित ने यह मुकदमा 1996 में दायर किया था।
दीवानी अदालत के जस्टिस एमए भट्टी ने हाल ही में एक आदेश में गुजरात सरकार को याचिकाकर्ता मनीष चौहान को 49,000 रुपए का भुगतान करने का निर्देश दिया। अदालत ने कहा कि चौहान को आदेश के 30 दिन के भीतर मुकदमा दायर करने की तारीख से छह प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से साधारण ब्याज के साथ 49,000 रुपए का भुगतान किया जाए।
चौहान ने सात लाख रुपए के मुआवजे की मांग की थी। अहमदाबाद में जुलाई 1992 में हुए दंगों के दौरान वह 18 वर्ष के थे। याचिका में कहा गया कि अहमदाबाद में दो जुलाई 1992 को भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के दौरान सांप्रदायिक दंगा भड़क गया था, जो कई दिन तक जारी रहा था। याचिका में कहा गया था कि पांच जुलाई को चौहान जब नगर निगम के अस्पताल में भर्ती अपनी मां को टिफिन देकर लौट रहे थे, तभी स्कूटर पर सवार कुछ लोगों ने उन पर गोली चला दी थी। उनकी कमर और छाती में गोली लगी थी। वह 14 जुलाई तक अस्पताल में भर्ती रहे थे।
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