CATEGORIES

May 2025
M T W T F S S
 1234
567891011
12131415161718
19202122232425
262728293031  
Tuesday, May 6   8:46:25

भारत की पहली महिला फोटोग्राफर- होमाई व्यारावाला

भारत की प्रथम महिला फोटोग्राफर का सम्मान पाने वाली पद्म विभूषण होमाय व्यारावाला का आज जन्मदिन है।देश के आजादी के अंतिम वर्षों को उन्होंने अपने कैमरे में कैद किया।आर के लिए फोटोजर्नलिज्म को एक आयाम दिया।

         देश की पहली फोटो जर्नलिस्ट ,पद्म विभूषण जैसे राष्ट्रीय सम्मान से सम्मानित होमाई व्यारावाला का जन्म 9 दिसंबर 1913 के रोज नवसारी में एक मध्यमवर्गीय पारसी परिवार में हुआ। उनके पिता डोसा भाई रंगमंच के प्रसिद्ध कलाकार थे। मुंबई की सर जे जे कॉलेज ऑफ़ आर्ट्स में उन्होंने फोटोग्राफी में डिप्लोमा तक पढ़ाई की , और फोटोग्राफी को ही अपना व्यवसाय बना लिया। उन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध के पलों की तस्वीरें अपने केमरे में कैद की, मुंबई  में तो इन तस्वीरों को कैद करने उन्होंने जान की भी परवाह नही की थी। उन्होंने भारत देश के आजादी के पलों को भी कैमरे में कैद किया है। उनकी तस्वीरों में लॉर्ड माउंटबेटन,जवाहर लाल  नेहरू, एलिजाबेथ , आइजन होवर ,महात्मा गांधी, डॉ राधाकृष्णन,सरदार वल्लभभाई पटेल, दलाई लामा ,लाल बहादुर शास्त्री ,मोहम्मद अली जिन्ना अनेकों महानुभाव जैसे लोग हैं।
      वे रोलिफ्लेक्स कैमरे से तस्वीरें खींचती थी। 1941 में पारसी पत्रकार मानेक्शा जमशेदजी व्यारावाला से उनकी शादी हुई। मानेकशा से उन्होंने फोटोग्राफी के गुर सीखे। वे अपने  कैमरा से इंसानी भावनाएं और संवेदनाएं उकेरती थी।उनकी पहली तस्वीर मुंबई के  "बॉम्बे क्रॉनिकल" अखबार में छपी थी , जिसके लिए उन्हें ₹1 का पुरस्कार मिला था। उन्होंने" थ्री वूमेन एंड अ कैमरा " नामक फिल्म भी बनाई थी । सन 1942 के बाद का समय उनकी तसवीरी सफर का स्वर्णकाल था। आजादी तक के  तस्वीरी दस्तावेज बनाने का उन्हें मौका मिला।
    जनरल करिअप्पा ने उनका नाम "एनर्जी" रखा था, तो डॉक्टर राधाकृष्णन "माय लेडी फ्रेंड " कहकर उनका लोगों से परिचय करवाते थे। जबकि सरदार पटेल उन्हें  "आपणी गुजरातन"  कहते थे।चूंकि उनकी कार का नंबर DLD 13 था, अत: सब उन्हें डालडा 13 के नाम से बुलाते थे।
          1930 में तस्वीरी करियर शुरू करने वाली होमाई व्यारावाला ने 1969 में पति के निधन के बाद फोटोग्राफी की  दुनिया से स्वैच्छिक निवृत्ति ले ली। उनकी 104वी जन्म जयंती पर गूगल ने" फर्स्ट लेडी ऑफ लेंस" नाम के साथ डूडल बनाकर याद किया था .यह डूडल मुंबई के चित्रकार समीर कुलवूर ने तैयार किया था।
        98 वर्ष की उम्र में 15 जनवरी 2012 को उन्होंने इस फ़ानी दुनिया से विदा ली। आज भले ही वे हमारे बीच नहीं है, लेकिन उनकी तस्वीरों और उनके कार्यों को लेकर देश गौरवान्वित रहेगा। उनके जन्मदिन पर वीएनएम उन्हें पुष्पांजलि अर्पित करता है।