कांग्रेस नेता शशि थरूर की अगुवाई वाली संसदीय समिति 28 जुलाई को बैठक करेगी जिसमें नागरिकों की डाटा सुरक्षा व निजता के मुद्दे पर चर्चा की जाएगी। इस क्रम में शिवसेना नेता संजय राउत ने पेगासस प्रकरण का मुद्दा उठाते हुए कहा, ‘विपक्ष की ओर से संयुक्त संसदीय समिति और सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप की मांग की गई है। यदि रवि शंकर प्रसाद विपक्ष में होते तो वो भी यहीं मांग करते। सच्चाई को सामने आने दें। यदि ऐसा नहीं है तो आप क्यों डर रहे हैं।’
उल्लेखनीय है कि पेगासस जासूसी प्रकरण को लेकर संसद के मानसून सत्र की शुरुआत हंगामे के साथ हुई है। दरअसल अंतरराष्ट्रीय मीडिया कंसोर्टियम की रिपोर्ट में बताया गया है कि देश में 300 से अधिक लोगों के फोन टैप कराए गए। इसमें दो केंद्रीय मंत्री, विपक्ष के तीन नेता, 40 से अधिक पत्रकार, एक मौजूदा जज, सोशल वर्कर और कई उद्योगपति शामिल हैं। इसके अलावा रिपोर्ट में यह भी बताया गया है है कि देश में वर्ष 2018 और 2019 के बीच फोन टैप कराए गए थे।
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